January 14, 2019

अव्यक्त से व्यक्त की उत्पत्ति -भाग15

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वर्तमान सृष्टि की उत्पत्ति को कितना समय व्यतीत हो चुका है, इस सम्बंध में सूर्य सिद्धान्त मे उल्लेख मिलता है:-
कल्पादस्माच्च मनवः षड़् व्यतीताः ससंधयः।
वैवस्वतस्य च मनोः युगानां तिघनो गतः।।
अष्टाविंशाद्युगादस्माद्यातमेतत्कृतं युगम्।
अतः कालं प्रसंख्याय सड़्ख्यामेकत्र पिण्डयेत्।।
अर्थात इस कल्प के संधियों सहित ६ मनु बीत गये हैं। और सातवें मनु वैवस्वत के २७ महायुग बीत गए हैं तथा अट्ठाइसवें महायुग का सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग बीत गया है, वर्तमान कलियुग के ५११९ वर्ष बीत चुके हैं।
६ मंवन्तर = ६×३०,६७,२०,०००
= १,८४,०३,२०,०००
६ मन्वन्तरों की ६ संध्याए = ६×१७२८०००
= १,०३,६८,०००
७वें मन्वन्तर के २७ महायुग= २७×४३२०,०००
= ११,६६,४०,०००
२८वें महायुग के सतयुग= १७,२८,०००
त्रेतायुग= १२,९६,०००
द्वापरयुग के वर्ष= ०८,६४,०००
कलियुग के वर्ष = ५११९ चल रहा है।
महायोग = १,९७,२९,४९,११९ सौर वर्ष व्यतीत ।
१कल्प का कुल मान ४,३२,००,००,००० सौर वर्ष।
अर्थात श्वेत वाराह कल्प के शेष वर्ष
= २,३४,७०,५०,८९१ सौर वर्ष।
जगत बनाने में ब्रह्मा को = ४७,४०० दिव्य वर्ष लगे।
= ४७,४००×३६०=१,७०,६४,०००।
सृष्टि बनने के बाद से अब तक का समय
१,९७,२९,४९,११९-१,७०,६४,०००=१,९५,५८,८५,११९
वर्तमान में कार्बन डेटिंग से भी इतना ही समय लगभग पुरानी हमारी सृष्टि है।

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