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ब्रह्म – शब्द शक्ति से अपने नाना रुप बना लेता है।
शब्दों से – तीनों लोकों की रचना।
शब्दों से- सोलह द्वीपों की रचना।
ब्रह्म एक ही तत्व को 16 स्वरूप मे बदलने का काम अपनी माया शक्ति से करते है।
१- प्राण,२-श्रद्धा, ३- पृथ्वी, ४- जल, ५- अग्नि, ६- आकाश, ७- वायु, ८- इन्द्रियाँ, ९- मन, १०- अन्न, ११- वीर्य, १२- तप, १३- मंत्र, १४-लोक, १५- नाम,१६- कर्म
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1- आक्सीजन, 2- हीलियम, 3- हाइड्रोजन, 4- नाईट्रोजन, 5- कार्बन, 6- सल्फर ,7- फास्फोरस, 8- सोडियम, 9- पोटेशियम, 10- कैल्शियम, 11- मैग्नीशियम, 12- लीथियम, 13- फ्लोरीन, 14- क्लोरीन, 15- आयोडीन, 16- सिलीकॉन ।
लगातार…………..