January 14, 2019

अव्यक्त से व्यक्त की उत्पत्ति – भाग 11

 722 total views,  3 views today

The measure of time adopted by the hindus ancient period.
★★★★★★★★★★★★★★★★★★
1-आँख का पलक १बार गिरने का समय = ०१ निमेष
2- ०१ निमेष = ०१ त्रुटि।
3- १० त्रुटि= ०१प्राण।
4- ०६ प्राण = ०१ पल।
5- २.५ पल = ०१ मिनट।
6- २.५ पल = १५ प्राण।
7- ६० पल = ०१ घटी।= २४ मिनट
8- २.५ घटी = ०१ घन्टा।= ०१ होरा।
9- ६० घटी = 24 घन्टा।= ०१ वार/ दिन।
10- ०२ घटी = ०१ क्षण।= ४८ मिनट।
11- ३० क्षण = ०१ अहोरात्र।
12-१५ अहोरात्र = ०१ पक्ष।(शुक्लपक्ष/कृष्ण पक्ष)
13-०२ पक्ष = ०१ मास।
14- ०२ मास = ०१ ऋतु।
15- ०३ ऋतु= ०१ अयन।
16- ०२अयन = ०१ वर्ष।
17- ४३२००० वर्ष = ०१ कलियुग।
18- ८६४००० वर्ष = ०१ द्वापर युग।
19- १२९६००० वर्ष = ०१ त्रेतायुग।
20- १७२८००० वर्ष = ०१ सतयुग ।
21- ४ युग = ०१ महायुग।
22- १००० महायुग =०१ कल्प।
23- ०२ कल्प = ०१ अहोरात्र ब्रह्मा का।
24-३६० ब्रह्मा अहोरात्र = ०१ वर्ष ब्रह्मा का।
25- १०० वर्ष ब्रह्मा = ब्रह्मा जी आयु/ आधा परार्ध
श्रीमद्भगवद्गीता के 8वें अध्याय मे भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि जो मनुष्य ब्रह्मा के एक हजार युग वाले एक दिन को और एक हजार युग वाली एक रात्रि को जानते हैं, वे मनुष्य ब्रह्मा के दिन रात्र को जानने वाले हैं। ब्रह्मा के दिन के आरंभ मे अव्यक्त से सम्पूर्ण भूत समुदाय उत्पन्न होता है, और ब्रह्मा की रात्रि के आरम्भ काल मे उस अव्यक्त में ही सम्पूर्ण भूत समुदाय लीन हो जाता है।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *