December 31, 2018

कर्मफल ( भाग १६ )

Loading



देवी भागवत पुराण( ९//२७//१८-२० ) मे कहा गया है जीव अपने शुभ कर्मो की सहायता से इन्द्रपद प्राप्त कर सकता है , आवागमन के चक्र से मुक्त हो सकता है, समस्त सिद्धियाँ प्राप्त करता हुआ अमरत्व पद तक पहुंच सकता है । वह राजा ,देवता, शिव, गणेश, जो चाहे बन सकता है, परन्तु इसके लिये मन को प्रकृति के नियमों के अनुकूल चलाया जाय ।
इसके विपरीत यदि स्वछंद होकर अपनी मनमानी करने लगे तो दुःख ही दुःख हमारे गले पड़ते हैं।
वैज्ञानिक डॉक्टर योवन्स ने अपने अनुसंधान के फलस्वरूप यह निष्कर्ष निकाला कि जब मस्तिष्क के भूरे चर्बीदार पदार्थ को सूक्ष्मदर्शी से देखा गया तो उसके एक एक परमाणु पर असंख्य रेखाएं अंकित मिली, ये रेखाएं क्रियाशील मनुष्य मे अधिक मिली,और क्रिया शून्य प्राणियों मे कम देखी गयीं ।
यही रेखाएं उपयुक्त समय पर कर्मो का साकार रुप धारण करती रहती है ,इसे कर्मफल कहते है ।
ज्ञान के पिपासु, जिज्ञासु, और मुमुक्षु मित्रों की सेवा मे लगातार………


You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *