December 30, 2018

कर्मफल ( भाग २७ )

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आत्मा का रहस्य
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क्रिश्चियन पुनर्जन्म मे विश्वास करते हैं। मृत्यु के बाद ईसा ने पुनर्जन्म लिया था। रुह का वजूद इस्लाम भी स्वीकार करता है। भगवतगीता में आत्मा को अजर व अमर बताया गया है।
वैज्ञानिकों ने आत्मा की सच्चाई जानने के लिये कई प्रयोग किये हैं। किसी ने कहा आत्मा एक बल,उर्जा या पावर है। कुछ परामनोवैज्ञानिक आत्मा को स्पिरिट कहते हैं, कुछ एस्ट्रल बाडी कहते हैं। हिन्दू धर्म में कहा गया है कि आत्मा एक चेतना या कांशियस स्टेज है। यह चेतना व्यक्ति के जीवन को उच्च विचारों, कर्मो व व्यवहार पर आचरण के बाद उच्चता की ओर अग्रसर होती है। आत्मा एक चेतना है। इस चेतना का जैसा विकास होगा, उसी के अनुरूप व्यक्ति यश, वैभव व पद प्राप्त करता है। चेतना का अर्थ व्यवहार और चिंतन से है। हमारे शरीर में विद्युत चुंबकीय शक्ति विद्यमान है। यह विद्युत उर्जा प्रकाश उर्जा है। शरीर में चुंबक है। इस चुंबक की तीव्रता हर व्यक्ति में अलग अलग होती है। महान व्यक्तियों मे खास चुंबक व मेस्मेरिज्म पावर होती है। आत्मा पन्द्रह आत्माओं का समूह है। जिसमें शरीर आत्मा की ५ , महानात्मा की ३, विज्ञानात्मा की२, यज्ञात्मा की २ , अव्यक्तात्मा की ३ अर्थात इन कुल १५ खण्डात्माओं का आधार सोलहवां षोडशीपुरुष अमृततात्मा नाम से प्रसिद्ध है।


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