December 31, 2018

कर्मफल (भाग 3 )

 1,030 total views,  1 views today



“अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतकर्म शुभाशुभं “
रामायण के अनुसार मनुष्य का कोई कर्म भले ही अज्ञानवश ही क्यों न किया हो निष्फल नही जा सकता।अतः भोग के बिना कर्म का विनाश नहीं।
शान्तिपर्व में भीष्म ने युधिष्ठिर से कहा है कि ” हे राजा यदि यह देख पड़े कि किसी मनुष्य को उसके पापकर्मों का फल नही मिला तो समझ लेना चाहिए कि उस को उसके पुत्रों, पौत्रों और प्रपौत्रों को भोगना पड़ेगा।


You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *