
कर्मो के लेखा जोखा रखने वाले भगवान श्री श्री १३८ चित्रगुप्त जी महाराज।
कर्मफल प्रायः कालांतर मे ही मिलता है जैसे आप भोजन बनाते हैं तो थोड़े ही समय बाद खाने के लिये भोजन मिल जाता है।कोई कारखाना लगाते है तो कई वर्ष में कारखाना चालू होता है, इमली जैसे कुछ वृक्ष है जो लगाये जाने पर बहुत लम्बे समय बाद फल देते है। अतः कालान्तर मे फल की प्राप्ति, यह तो कर्म का स्वाभाविक नियम है। प्रश्न यह है कि आप एक बीज बोते है या एक वृक्ष लगाते हैं तो क्या वह एक ही फल देता है ? शेष कल…..