December 31, 2018

कर्मफल (भाग 9 )

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शुभ कर्मों को करने वालों की दुर्गति हो ही नहीं सकती ऐसा भी नही है। धर्मानुसार करते रहने से भी फल बहुत बुरा मिल सकता है।
(१) राजा हरिश्चंद्र को शूद्र के यहाँ नौकरी करना तथा अपने पुत्र स्त्री से वियोग आदि।
(२) मीरा को जहर पीना पड़ा, ताड़नाये शारीरिक कष्ट सहने पड़े।
(३) सूरदास जी के पास रहने के लिये साधारण सी कुटिया थी तथा भिक्षा मांग कर जीवन निर्वाह करना पड़ा।
(४) नरसी मेहता जैसे भक्त को घोर आर्थिक संकट एवं सामाजिक कष्ट उठाने पड़े।
(५) रैदासजी को जीवन यापन के लिये जूते बनाने पड़े आदि ।

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