February 14, 2019

जानिये वर्ण/जाति,गोत्र,प्रवर,शाखा, सूत्र,कुलदेवी,-भाग 6

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कान्यकुब्ज ब्राह्मणो का कुल गोत्र आदि
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आवटंक-ग्राम-मूलपुरुष-गोत्र-प्रवर-वेद-शाखा-सूत्र
शुक्ल- विगहपुर-जशाराम खेरे-शां-३-साम-कौ-गो
शुक्ल-तरीकेवाले-*********-भा-३-साम-कौ-गौ
शुक्ल-नवाईके-***********-भा- ३-यजु-मा-पा.
शुक्ल-गहरौली के-*********-भा-३-यजु-मा-पा.
शुक्ल-खरौली के-*********- भा-३-यजु-मा-पा.
शुक्ल-पुरवा के- **********- भा-३-यजु-मा-पा.
शुक्ल-चंदनपुर-***********- “-“-“-“-“20
शुक्ल-गुदरपुर-*************-“-“-“-“-“20
शुक्ल-भैसईके-*************-“-“-“-“-“20
शुक्ल-उचेगांव-*************-“-“-“-“-“20
शुक्ल- पतिहाके-************-“-“-“-“-“20
शुक्ल-विगहरके-************–“-“-“-“20
शुक्ल-पाटन के -***********-“-“-“-“-“20
शुक्ल-सर्वसुखधाम-********* “-“-“-“-“-20
शुक्ल-विहगुपुर वाले-मधुकर के- “-“-“-“-“10
शुक्ल- न्यायवागी- हीलके – “-“-“-“-“-10
शुक्ल-*********- वाला के – “- “- “- “- “- 10
शुक्ल-*********- विसई के – “- “- “- “- “- 18
शुक्ल-*********-नारायण के-“- “- “- “- “- 15
शुक्ल-*********-चंदाकरके- “- “- “- “- “- 20
शुक्ल- *********-दिवाकरके-“- “- “- “- “- 20
शुक्ल-****†****-हरिदास के- “- “- “- “- “- 15
शुक्ल-*********-उमाके – “- “- “- “- “- 15
शुक्ल-**********-धनीके – “- “- “- “- “- 14वि.
शुक्ल-**********-हरीके – “-“-“-“-“- 16विश्वा
शुक्ल-**********-पैकूके – “- “- “- “- “- 16
शुक्ल- एकडालाके-सुनीके- “- “- “- “- “- 19
शुक्ल- *********-कश्यपखुदहा-“- “- “- “-“-
शुक्ल- *********-नगईके – “- “- “- “- “- 14
शुक्ल-**********-भानके- “- “- “- “- “-
शुक्ल- ******- दुर्गादासबेऊचे-“- “- “- “- “- 1.5
शुक्ल-गलहभ्यवाक- छगेके – “- “- “- “- “- 20
शुक्ल- महोलीवाले-इपसइ के- “- “- “- ” – “- 10
शुक्ल-भासीकटिया-रामनाथके – “- “- “- “- “- 10
शुक्ल-तरीके वाले-**********- “- “- “- “- “- 5
शुक्ल- रुद्रपुर वाले-*********- “- “- “- “- “- 5
शुक्ल- शांति के -***********- “- “- “- “- “- “- 5
शुक्ल-वौगाँवकेपटपुरके-*******- “- “- “- “- “-
शुक्ल- नवायके-************- “- “- “- “- “-
शुक्ल-असईके – *************- “- “- “- “- “-
शुक्लदीक्षित- डींडियारोरेके-*****-“- “- “- “- “-
शुक्ल-वेतीवाले- ********- *****- “- “- “- “- “-
शुक्ल- असनीवाले- *****- ****- “- “- “- “- “-
शुक्ल-********- हरिके -उपमन्यु-३-यजु-मा-पा
शुक्ल-******-रघुनाथ के-उपमन्यु-३-यजु-मा-पा
शुक्ल- ******-मंडनके-उपमन्यु-३-यजु-मा- पा
शुक्ल-वनरथीके-कमलनयन-उप-३-यजु-मा-पा
शुक्ल-लखनऊ-गेरगसो-सा – ३-यजु-मा- पा-17
शुक्ल-नभेलके- अर्धधर -सा- ३- यजु- मा-पा-10
शुक्ल- फतुहाबादी-*****-सा- ३-यजु-मा-पा-20
शुक्ल- अशनीहा-****- सा- ३- यजु-मा-पा-20
शुक्ल-पुरनिया वाले-******-सा-३-यजु-मा-पा-
शुक्ल-नभेल वाले – ********- सा-३-यजु-मा-पा
शुक्ल-रुपनके -************- सा-३-यजु-मा-पा
शुक्ल- डोमनपुरके-*********-सा-३-यजु-मा-पा
शुक्ल-कौशिकीमिश्र-*******- सा-३-यजु-मा-पा
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^पढ़ने का तरीका:-

१-शुक्ल- अवटंक/ पदवी ।
२- विगहपुर-गाँव का नाम है।
३- जशाराम खेरे के – मूल पुरुष का नाम है।
४- शांडिल्य- गोत्र है संक्षिप्त मे शा लिखा है। भा से भार्गव, ग से गर्ग, भा से भारद्वाज आदि।
५- ३- प्रवर है माने ऋषि, कश्यप,वत्स, नैध्रुव।
६- वेद -सामवेद संक्षिप्त मे सा लिखा गया है।
७- शाखा- कौथुमी, माध्यंदिनि,आश्र्वलायनी।
८-सूत्र -गोभिल, जैमिनी, खादिर,कात्यायन, आपस्तम्ब, वैखानस आदि।
एक ब्राह्मण को कम से कम इतना जानना चाहिए।
जैसे उपाध्याय उसका गोत्र -कश्यप, प्रवर -शांडिल्य, वेद- यजुर्वेद, शाखा-माध्यंदिनि,कुल देवी-उमा, गणपति-महोदर, यक्ष- कुबेर, भैरव-बटुक, शर्म-शोम आदि।
अंत मे लिखी संख्या विश्वा है।जैसे चार आनाके,आठ आनाके,बीस आनाके।

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