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|| ऐसा योग होने से व्यक्ति अवश्य ही जेल जायेगा ||

व्यक्ति की जन्म कुण्डली का 12 वाँ भाव बंधन (जेल) को दर्शाता है। व्यक्ति अपने परिवार अर्थात द्वितीय भाव से अलग होता है, अष्टम भाव जीवन से , कर्म से तथा चतुर्थ से द्वादश अर्थात तृतीय भाव भी परिवार से अलग होता है।
अतः यदि आपकी कुण्डली के दूसरे, तीसरे, आठवें और बारहवें भाव का संबंध यदि राहु से हो जाये तो व्यक्ति जेल आवश्यक जायेगा।
इसके साथ ही साथ यदि लग्न मेष, वृष, धनु हो एवं पाप ग्रह व्यक्ति की कुण्डली के दूसरे भाव, द्वादश भाव, पंचम भाव एवं नवम भाव मे बैठे हो जेल तो जायेगा , तथा कुछ समय तक जेल मे ही सजा काटेगा। यह फल कब मिलेगा जानने के लिए कृपया बेवसाइट(एस्ट्रोलोजी मिशन डाट काम ) विजिट करें।