January 16, 2019

ज्योतिष जानिऐ भाग 3

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कुण्डली :-
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आकाशीय नक्षत्र ग्रहवत समूहों का मानचित्र है कुण्डली ।
क्रांतिवृत्त :-
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पृथ्वी के सूर्य का परिभ्रमण मार्ग का नाक्षत्रिक वृत्र है।
पृथ्वी नक्षत्रों मार्ग से होती हुए सूर्य की परिक्रमा करती है, जो क्रांतिवृत्त कहलाता है।
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा 365,दिन,15घंटे,31मिनट,30सेकंड समय मे करती है।पृथ्वी अपनी घुरी पर 26अंश,28कला,52 विकला पर झुकी हुई है। बुध का मार्ग क्रांतिवृत से 7 डिग्री पर ,शुक्र का मार्ग क्रांतिवृत से 3डिग्री,23कला35विकिला,मंगल का मार्ग क्रांतिवृत से 1डिग्री,51कला,2विकिला झुका हुआ है।
गुरू का मार्ग क्रांतिवृत से 6डिग्री, 18कला,41 विकिला, शनि का मार्ग क्रांतिवृत से 2डिग्री, 29कला,40 विकिला, यूरेनस का मार्ग 0डिग्री,46ला,20विकिला तथा नेप्च्युन का मार्ग क्रांतिवृत से 1डिग्री,40कला,02 विकिला झुका हुआ है।
पृथ्वी अपनी घुरी पर झुकी हुई है जिसके कारण उसकी गति के मध्य उसका विषुवत दो स्थानों पर क्रांतिवृत को काटता है जिससे अयन बनते है, उत्तरायन, दक्षिणायन ।
राशि :-
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चन्द्रमा का पृथ्वी परिक्रमा मार्ग क्रांतिवृत से 7-8डिग्री उत्तर या दक्षिण होकर चलते हैं इसी विशिष्ट मार्ग का आकाशीय विस्तार राशि है।
या क्रांतिवृत आश्रित मार्ग के नक्षत्र मंडल के 30 डिग्री के एक भाग को राशि कहते है।

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