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आप पढ़कर नौकरी करेंगे या व्यवसाय
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सामान्यतया दशम भाव से रोजगार-धन्धे या नौकरी का विचार किया जाता है।आइये आज एक कुण्डली का विश्लेषण करते है, जिसमें जातक का जन्म २५ जून १९६३ को मध्य रात्रि शून्य घन्टा ३५ मिनट पर कालपी उत्तर प्रदेश मे हुआ है। उपरोक्त विवरण के अनुसार जातक की मीन लग्न और कर्क राशि है।
ग्रहों का विवरण या स्थिति इस प्रकार है:-
ग्रह-राशि स्वामी-नक्षत्र स्वामी-नक्षत्र नवांश-उप.न.
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सूर्य—-|—बुध ———- राहु—- गुरु———- बुध
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चन्द्र —|—चन्द्र ——— बुध — सूर्य ——– शुक्र
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मंगल–|- सूर्य ———- शुक्र —-मंगल —- चन्द्र
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बुध—-|- शुक्र ——— चन्द्र —– केतु—— शुक्र
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गुरु —|- गुरु———– बुध ——-चन्द्र ——- बुध
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शुक्र –|– शुक्र—— चन्द्र——-शुक्र——– राहु
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शनि–|– शनि ——- मंगल —–शनि—— राहु
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राहु –|– बुध ——– गुरु———शुक्र ——-मंगल
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केतु –|— गुरु——— सूर्य ——–सूर्य ——–शुक्
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अब भाव की स्थिति का विवरण निम्न अनुसार
भाव- राशि स्वामी- न.स्वामी-न.नवांश-उप नवाश
१- गुरु- बुध- बुध- राहु
२- मंगल- शुक्र- शनि- शुक्र
३ – शुक्र – चन्द्र- केतु- राहु
४ – बुध – राहु – बुध – गुरु
५ – चन्द्र – शनि – शुक्र – राहु
६ – सूर्य – केतु – शनि – शनि
७ – बुध – चन्द्र – शनि – गुरु
८ – शुक्र – गुरु – शनि – शुक्र
९ – मंगल – बुध – शुक्र – चन्द्र
१० – गुरु – शुक्र – शुक्र – राहु
११- शनि- सूर्य- शुक्र – शनि
१२ – शनि- राहु- गुरु- बुध
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” व्यवसाय या नौकरी “
ज्योतिष का नियम है कि दशम भाव का नक्षत्र नवांश नवांश षष्ठ भाव का संकेतक है तो नौकरी व्यक्त होती है।
यदि दशम भाव का नक्षत्र नवांश नवांश सप्तम भाव का संकेतक है तो व्यवसाय व्यक्त होता है।
प्रस्तुत कुण्डली मे दशम भाव धनु राशि के १४ अंश ०७कला ५३ विकला पर स्थिति है ।अर्थात राशि स्वामी गुरु, नक्षत्र स्वामी शुक्र, नक्षत्र नवांश शुक्र, एवं नक्षत्र नवांश नवांश राहु है। कुण्डली मे राहु षष्ठेश सूर्य के साथ अतः षष्ठेश सूर्य का प्रतिनिधि बनाता है अतः व्यक्ति नौकरी करेगा।
अब निश्चित करना है कि किस प्रकार की अर्थात किस क्षेत्र मे नौकरी करेगा।
नौकरी क्षेत्र का निर्धारण :-
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जातक की कुंडली में दशम भाव का नक्षत्र नवांश नवांश राहु षष्ठेश सूर्य का प्रतिनिधि है, एवं सूर्य ग्रहों का राजा है/ अधिपति है, अतः व्यक्ति राज्य सेवा कार्य करेगा।
->यदि दशम भाव का उदय धनु लग्न में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के प्रथम चरण मे शुक्र नक्षत्रेश है, अतः व्यक्ति शिक्षक/ राजदूत बनेगा।
” नौकरी समय का निर्धारण “
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नौकरी कब लगेगी इसके लिए छठे भाव के संकेतक को देखना होगा। षष्ठ भाव में मंगल है एवं मंगल नक्षत्र मे कोई ग्रह नहीं है।
षष्ठ भाव का स्वामी सूर्य है एवं सूर्य के नक्षत्र मे शनि है, अतः छठे भाव के संकेतक मंगल सूर्य शनि है।
दशम भाव में केतु है और केतु नक्षत्र मे सूर्य है, दशमेश गुरु है ,गुरु नक्षत्र मे शुक्र है।
लाभ भाव मे शनि है और शनि नक्षत्र मे चन्द्र है, लाभेश शनि है, शनि नक्षत्र मे चन्द्र है।
अतः नौकरी शुक्र महादशा मे मंगल अंतर दशा में और गुरु प्रत्यंतर दशा मे लगेगी।
जो जातक के कर्मक्षेत्र से पूरी तरह मिलान होता है।