1,152 total views, 3 views today

ज्योतिष और जुड़वां बच्चों का जन्म (Astrology and Twins Births )
***********************************
जब हम प्रजातियों के निचले क्रम से शुरु होने वाले प्रजनन के तरीके को देखते है, तब हम पाते है कि कई जन्म अपवाद के बजाय नियम का निर्माण करते है। फिर हम पदानुक्रम पर जाते हैं, हम पाते है कि स्तनधारियों और अन्य जीवित जीवों को एक ही समय मे जन्म देने वाली संताने पैदा करती है। विकास की सीढी पर ऊपर जाते है तो गर्भकाल भी लम्बा हो जाता है।
जब हम प्रजनन के पैटर्न का अध्ययन करते हैं तो मनुष्य में,जुड़वां बच्चों का जन्म एक अपवाद है।
प्राचीन जन्म के रामायण मे जुड़वाँ जन्मो के बारे मे सबसे पहले ज्योतिषीय प्रमाण मिलते हैं।
दयालु दशरथ ने अपने महल मे वंदनीय ऋषि वशिष्ठ को आमंत्रित किया और अपने चार पैदा हुए बच्चों की जन्म कुंडली दिखाने के लिए एक विद्वान ज्योतिषी की भूमिका निवाई।
भगवान श्री राम का जन्म बहुत ही शुभ योग उत्तरायण,चैत्रशुक्ल, नवमी सोमवार अभिजित लग्न मे हुआ था जब मौसम भी बहुत सुहाना था।
अगले दिन दशमी को भरत जी पैदा हुये।
और तीसरे दिन जुड़वां लक्ष्मण और शत्रुघ्न पैदा हुए थे जब शुक्ल पक्ष, आश्लेषा नक्षत्र और वृद्धि योग था।
अब हम जुड़वां बच्चों के जन्म के बारे मे ज्योतिष क्या कहती है जानते हैं―
“चतुरंध्रिभगे खौ परैद्वितनुस्थैर्बलिभि : शिशुद्वयम” ( संकेतनिधि चैप्टर 2 श्लोक 3)
अर्थात जब सूर्य एक चतुष्कोणीय चिन्ह मे होता है और अन्य ग्रहों को दोहरे संकेतों मे दृढता से रखा जाता है, तो जुड़वां बच्चे पैदा होते है।
इसी तरह वृहद पाराशर होरा शास्त्र मे भी अध्याय 14 श्लोक संख्या 9 मे भी उल्लेख है-
” चतुष्पदगतो भानुः परे वीर्यसमन्विताः।
द्विस्वभाव गता जानौ यमलाविति निर्दिशेत् “
एक बच्चा, जो तब पैदा होता है, जब सूर्य एक चतुर्भुज चिन्ह मे होता है और अन्य ग्रह मजबूत होते है, और दोहरे संकेतों के रहने वाले होते हैं, जुड़वां मे से एक के रुप मे पैदा होता है।
प्रकारांतर से जुड़वां संतान होने के योग ―
१- यदि लग्न व चन्द्र समराशिगत हों और बलवान ग्रह से दृष्ट हों तो गर्भ मे जुड़वां बच्चे।
२- समराशिस्थ चन्द्रमा व शुक्र हो,अथवा द्विस्वभाव राशिस्थ बलवान गुरु, भौम,बुध व लग्न होंतो भी जुड़वा मे एक लड़का और एक लड़की होगी।
३-यदि सूर्य और गुरु दोनों मिथुन या धनु राशि मे हो ।
४- शुक्र मंगल और चन्द्रमा यदि मीन या कन्या राशि मे हो और बुध द्वारा दृष्ट हो तो दो जुड़वां कन्याओं का जन्म होगा।
जातक परिजात के अनुसार ―
निषेके भ्रातलग्नेशयोगे यमलसंभवः
लग्नेशे भ्रातृपक्षस्थे स्वोच्चेवा यमलोद्भवः।।