April 4, 2019

पन्ना रत्न

Loading

www.astrilogymission.com

पन्ना ( Emerald )
~~~~~~~~~~~~~
इसे संस्कृत में तार्क्ष्य,गारुड,अश्मगर्भ आदि कहते हैं। हिन्दी मे पन्ना के नाम से प्रसिद्ध है। इसे फारसी में जमुर्रद तथा अरबी मे याकूत अलखिर्ज
तथा हरे रंग का याकूत होता है। यह यक्षों के द्वारा निर्मित रत्न कहा जाता है। प्राकृत तथा अपभ्रंश में इसे मरगय कहते हैं।
रासायनिक संगठन :-
****************
पन्ना बेरेलियम,स्फट्यातु ( Aluminium) , सिलिका ( Silica), तथा आँक्सीजन का यौगिक है।

पन्ना के धारण की ज्योतिषीय स्थितियाँ :-
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
१- जब बुध कन्या या मिथुन राशियों का होकर राहु या शनि से युत या दृष्ट हो ।
२- बुध कुण्डली मे ४,८,१२ भावों में हो।
३- बुध कुण्डली मे निर्बल या नीच राशि का हो
४- तंत्रिका तंत्र दुर्बल हो,अंगो मे कंपन, वातविकार, हकलाहट आदि विकार उत्पन्न होते हैं।

दोषयुक्त पन्ना :-
^^^^^^^^^^^^^^^^^
पन्ना में रुक्षता, विस्फोट,पाषाण, मल,कंकड़,जठरता तथा सद्यर सत्व ये सात दोष लिखे हैं।

शुद्ध पन्ने की पहचान :-
******************
१- शुद्ध पन्ना को शान पर घिसने पर वह अधिक चिकना हो जाता है।
२- पन्ना यदि शुद्ध है तो गर्म करने पर अपने हरे रंग को नहीं त्यागता है।

पन्ने के पाँच गुण :-
*****************
सुच्छायं, सुसणिद्धं अणेरुवं तरलहुंच वन्नड्ढं।
पंचगुणं विसहरणं मरगय मसराल लच्छिकरं।।
अच्छी छाया वाला, सस्निग्ध,अनेक रुप,लघु तथा वर्णाढ्यता ये पाँच गुण मरकत मणि मे होते हैं ,जो विष को नष्ट करने वाले तथा अपार लक्ष्मी देने वाले होते हैं।

बुधोत्पन्न रोग :-
*************
मानसिक विकार, तंत्रिका तंत्र की व्याधियां, वाणी दोष,हृदय विकार, स्मरण शक्ति की कमी, उन्माद, अपस्मार, मूत्रावरोध, जिव्हा रोग आदि होते हैं।

पन्ना धारण करने की विधि :-
*************************
कनिष्ठ अँगुली मे 3-6 रत्ती भार का पन्ना ,जिस दिन बुध का नक्षत्र हो ,बुधवार और बुध की होरा हो,गोचर मे बुध उच्च राशि या मित्रराशि मे हो।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *