ज्योतिष जानिये -भाग 17
ज्योतिष मान जाग्रत जगत की एक दिव्य ज्योति का नाम ही जीवन है। ज्योति का पर्याय ज्योतिष है; अथवा ज्यौतिष...
ज्योतिष मान जाग्रत जगत की एक दिव्य ज्योति का नाम ही जीवन है। ज्योति का पर्याय ज्योतिष है; अथवा ज्यौतिष...
पंचाग :-★★★★★तिथिवारं च नक्षत्रं योगः करणमेव च।यत्रैतत् पञचकं स्पष्टं पञचांग तन्निगद्यते ।।तिथि, वार,नक्षत्र,योग,करण, ये पाँचों जहाँ स्पष्ट हों, उसे पंचांग...
करण :-######तिथि के आधे भाग (१/२) को करण कहते है।कुल ११ करण होते हैं, सात चर करण, चार स्थिर करण...
योग :-^^^^^^^^अश्विनी नक्षत्र के आरम्भ से सूर्य और चन्द्र दोनों मिलकर 800 कला आगे चल चुकते है ,तब एक योग...
नक्षत्र -2^^^^^^^^पंचक नक्षत्र१- धनिष्ठा२- शतभिषा३- रेवती४-पूर्वाभाद्रपद५-उत्तराभाद्रपद~~~~~~~~~~~~~~~~~दग्ध संज्ञक नक्षत्र :-^^^^^^^^^^^^^^^^भरणी नक्षत्र हो एवं रविवार होचित्रा नक्षत्र हो एवं सोमवार होउत्तरषाढा़ नक्षत्र...
नक्षत्र :-~~~~~जब चन्द्रमा सूर्य से १३ डिग्री २० अंश की दूरी पर होता है, उस विस्तार को एक नक्षत्र मानते...
वर्ष :- पृथ्वी की एक बार सूर्य सूर्य की परिक्रमा करने मे लगा समय वर्ष मान कहलाता है। ये ५...
अयन :-**********पृथ्वी अपनी घुरी पर भी 26डिग्री 28 अंश 52 कला झुकी हुई है, इसके कारण उसकी गति के मघ्य...
ऋतु :-^^^^^^सूर्य द्वारा 2 राशियों मे संचरण पूरा कर लेने का समय ऋतु कहलाती है। जो चैत्रमास आदि से आरम्भ...
हमारे गुरुदेव^^^^^^^^^^^परम ब्रह्म परमात्मा जो है उसे हम पा सकते है, हा ब्रह्म मे पा सकते है ,ब्रह्म क्या है...