कर्मफल ( भाग १६ )
देवी भागवत पुराण( ९//२७//१८-२० ) मे कहा गया है जीव अपने शुभ कर्मो की सहायता से इन्द्रपद प्राप्त कर सकता...
देवी भागवत पुराण( ९//२७//१८-२० ) मे कहा गया है जीव अपने शुभ कर्मो की सहायता से इन्द्रपद प्राप्त कर सकता...
मनुष्य का मस्तिष्क जो विचार और विश्वास कर सकता है उसे प्राप्त भी कर सकता है ।
भगवान ऋषभदेव जी ने कहा है कि यह देह क्षुद्र कर्मो के लिए नहीं है, तप द्वारा ब्रह्म सुख का...
【लोभ मोह धोखे के पुतरा, छले सभी क्या रोय दुखड़ा 】 आज हम ऐसे कर्म और फल की बात करेंगे...
अभिमान से युक्त मन से किये हुए कर्मो से ही जीव पुनर्जन्म पाता है, और अन्तकाल मे जैसी मति वैसी...
कर्मफल के इस भाग मे हम कर्म विपाक के कुछ प्रश्नों के साथ छोड़ते हैं। १- कुछ लोग समृद्धशाली पर...
कर्म व्यवस्था में प्रकृति का गहरा हाथ है। वहीं इस पेचीदी व्यवस्था को निष्पक्ष रीति से सम्पन्न करती है। विश्व...
आजन्म हमने पाप किया, अनुचरों तथा वंश भर से पाप कराया, पाप की सीमा हम लोगों ने तोड़ दी,यदि हम...
आपके कर्तव्य और अकर्तव्य की अवस्था में शास्त्र ही प्रमाण है, सो शास्त्र द्बारा नियत कर्म ही करना चाहिए। आचरण...
आज हम कर्मफल के इस भाग में कर्म और फल अर्थात कर्मयोनि और भोगयोनि को लेकर आप कृपया विचार जरूर...