कर्मफल ( भाग २४ )
भोगयोनि मे आवश्यक ज्ञान उन्हें जन्म से ही प्राप्त होता है। जैसे बंदर के बच्चे को वृक्ष पर चढ़ना या...
भोगयोनि मे आवश्यक ज्ञान उन्हें जन्म से ही प्राप्त होता है। जैसे बंदर के बच्चे को वृक्ष पर चढ़ना या...
★★★★★★★★★ यों तो संपूर्ण शब्द ब्रह्म के ही रूप हैं,परन्तु भिन्न-भिन्न शब्दों का गुण और प्रभाव भी भिन्न- भिन्न हैं,...
पाषाण ( पत्थर ) वृक्षादि ( पेड़- पौधे) सांस लेने वाले प्राणी मन वाले प्राणी इन्द्रियों की वृत्तियों से युक्त...
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ As you saw,so shall you reap जैसा बोओगे, वैसा काटोगे । ●●●●●●●●●●●●●●● You do plus—— you have plus You...
“बहुदेववाद” एक ही परिवार के दस सदस्य हैं तो सबके देवता अलग-अलग हैं। कोई हनुमानजी का भक्त है तो कोई...
“शालिग्राम शिलायां तु तैत्रोक्य सचराचर।मया सह महासेन ! लीनं तिष्ठति सर्वदा ।। ★★★★★★★★★★★★★★★★ शालिग्राम और शिवलिंग के हाथ पांव क्यों...
~~~~~~ ” जो लोग, इस जगत में स्वार्थ के लिए, परार्थ के लिए या मजाक के लिए भी कभी झूठ...
सिर ढकना माने यशस्वी होना:- ××××××××××××××××××××××××××××× कुछ लोग दूसरे के पास जाकर अपनी पगड़ी उतार कर रख देते हैं और...
कर्मफल ( भाग २६) ######### ” न हि मानुषात् परतरं हि कश्र्चित् “ मनुष्य से श्रेष्ठ दूसरा कोई कहीं किसी...
प्रकृति और पुरुष को जानना क्यों आवश्यक है ? आईऐ आज पुरुष की बात करते है उसे जानना इसलिये आवश्यक...