February 4, 2019

वास्तु शास्त्र -भाग 4

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आपका घर और वृक्ष
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शास्त्रानुसार जो व्यक्ति १ पीपल, १ नीम, ३ कैथा, ३ बेल, ३ आंवला, ५आम, १० इमली के पेड़ लगाता है, वह पुण्यात्मा होता है।
सौरमंडल मे विभिन्न ग्रहों का विभिन्न वृक्षों पर अधिपत्य होता है।
१- सूर्य― लंबे, चौड़े व मोटे तने वाले वृक्ष शीशम।
२-चन्द्रमा― दूथ वाले वृक्ष जैसे आक,देवदार।
३- मंगल – मिर्ची के पौधे,खैर आदि वृक्ष ।
४- बुध ― बिना फल वाले वृक्ष।
५- गुरु ― सभी फलदार वृक्ष।
६- शुक्र – फलो के साथ फूल वाले वृक्ष।
७- शनि – कमजोर, अप्रिय वृक्ष,सूखे वृक्ष।
८- राहु ,केतु ― झाड़ियाँ आदि।
खूबसूरत वृक्ष वायव्य कोण मे लगाना चाहिए।


पूर्व मे – वटवृक्ष, गुलाब, मेरीगोल्ड,चंपा, मोगरा,तुलसी।
पश्चिम मे ― पीपलशुभ,अगस्त शुभ।
उत्तर मे ― पाकड़ शुभ,।
दक्षिण में ― गूलर शुभ।
ईशान कोण ( पूर्व उत्तर दिशा ) ―आंवला, तुलसी शुभ।
वायव्य दिशा ( पश्चिम उत्तर) ―बेल शुभ।
नैऋत्य दिशा (दक्षिण पश्चिम)― इमली शुभ।जामुन और कदम्ब के पेड़ शुभ।
अग्नि कोण ( दक्षिण पूर्व ) ― अनार का वृक्ष शुभ

विशेष

-इसके विपरीत पूर्व में पीपल निर्धनता और भय देता है।

-पश्चिम दिशा में यदि बड़गद है तो स्त्री को पीड़ा और कुलनाशक है यदि आम,कैथा, अगस्त, निर्गुन्डी भी धननाशक हैं।
-उत्तर में गूलर नेत्र रोग और हानि करता है।
-अग्नि कोण मे वटवृक्ष, पीपल,सेमल,पाकर,गूलर पीड़ा कारक हैं।
-जबकि दक्षिण मे पाकड़ रोग और पराजय देता है, आम,कैथा, अगस्त, निर्गुन्डी धन नाशक हैं।
-बेर ,केला, अनार,नीबूं― घर की वृद्धि रोकते हैं।
-पीपल,कदंब,केला, नींबू― घर की वंश वृद्धि नहीं।

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