December 30, 2018

श्रेष्ठता का क्रम- द्वारा प्रमोद सक्सेना

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पाषाण ( पत्थर )
वृक्षादि ( पेड़- पौधे)
सांस लेने वाले प्राणी
मन वाले प्राणी
इन्द्रियों की वृत्तियों से युक्त
स्पर्श करनेवाले ( अनुभव) करनेवाले
रस ग्रहण कर सकने वाले मत्स्य आदि।
रस वेत्ताओं की अपेक्षा गन्ध करनेवाले भँवरे ।
गन्ध की अपेक्षा शब्द ग्रहण करने वाले सर्प आदि
शब्द की अपेक्षा रुप ग्रहण अनुभव करने वाले काक (कौवा ) आदि।
रुप की अपेक्षा जिसके ऊपर तथा नीचे दांत हैं।
ऊपर नींचे दोनों ओर दांत होने वालों से विना पैर वाले जीव श्रेष्ठ है।
बिना पैर वालों से बहुत चरणों वाले जीव।
बहुत जोड़ी पैर वालों की अपेक्षा चार चरणों वाले
४ चरणों की अपेक्षा २ चरणों(पैरों) वाले मनुष्य
मनुष्यों मे ब्राह्मण श्रेष्ठ है।
ब्राह्मण मे वेद जानने वाले ब्राह्मण श्रेष्ठ है।
वेदों में भी ,वेद का तात्पर्य जानने वाले
तात्पर्य जानने वालों की अपेक्षा संशय निवारण करनेवाले ।
वर्णोचित धर्म का पालन करने वाले मनुष्य ।
आसक्ति का त्याग करने वाले ।
निष्काम भाव से आचरण करनेवाले।
दुर्लभ देह को भी अर्पण कर उपासना करने वाले श्रेष्ठ है।
पाषाण से उत्तरोत्तर श्रेष्ठ होते जाते हैं ।
कृपया श्रेष्ठता के क्रम में आप जहां हो वहाँ से आप आगे बढ़ चले ।
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धन्यवाद।। प्रमोद सक्सेना


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