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७ मार्च २०१९ को राहु का गोचर परिवर्तन कर मिथुन राशि में प्रवेश ( राहु के राशि परिवर्तन का सभी राशियों पर गोचर फल )
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” राहु अर्धकाय महावीर्य चन्द्रादित्यविमर्दनम् ।
सिंहिका गर्भ सम्भूतं त्वम् राहु प्रणमाम्यहम ।।
सिंहिका नाम की राक्षसी और विप्रचित्ति नामक राक्षस की संतान सवरभानु जिसका सिर राहु और धड़ केतु कहलाता है , उस राहु को प्रणाम है, जो कालवश सूर्य और चन्द्र के अहं का भी मर्दन करने वाले है ,ऐसे महाशक्तिशाली और पराक्रमी राहु देव को प्रणाम है।
नवग्रहों मे राहु का विशिष्ट स्थान व महत्व है।
सवरभानु से राहु केतु बनने का कारण ,सूर्य, चन्द्र, गुरु थे ,अतः अमावस्या को जब सूर्य अपने पूरे बल मे होते है तब मुख भाग से ग्रसित कर ग्रहण लगाते हैं तथा जब पूर्ण मासी को चन्द्रमा जब अपने पूर्ण बल मे होते है तब अपने निचले भाग से ग्रहण लगाते है।
व्यक्ति की कुण्डली मे जब राहु ,सूर्य या चन्द्र के साथ होते है तो उस भाव को दूषित कर दुष्फलों की प्राप्ति कराते हैं।
यदि राहु और गुरू का एक राशि में मेल हो जाता है तो वृहस्पति पर चाण्डाल योग का दोष लग जाता है।
पर यदि मंगल के साथ राहु एक राशि मे हो तो राहु शांत हो जाते है न अच्छा और न बुरा फल देते है। क्योंकि मंगल देवताओं के सेनापति है और राहु राक्षसों के सेनापति हैं।
तृतीय, षष्ठ तथा एकादश राहु क्रमशः बलवान होता है। यदि इन भावो में वृष, मिथुन ,व कन्या का राहु हो तो वह और अधिक बलवान हो जाता है व उत्तम फल देता है।
यदि राहु २० अंश के आसपास हुआ तो अत्यधिक बलवान हो जाता है।
७ मार्च २०१९ गुरुवार को प्रातः राहु ७ बजकर ४५ मिनट पर राहु मिथुन राशि में और केतु धनु राशि में अपनी प्राकृतिक वक्रगति से प्रवेश करेगा।उस समय फाल्गुन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र एवं कुम्भ राशि में चन्द्रमा होगा ।
इस गोचर का द्वादश राशियों पर क्या प्रभाव होगा जानते हैं:-
१- मेष राशि – इस राशि के व्यक्ति इस वर्ष भारी पुरुषार्थ करेंगे तथा कठिन से कठिन कार्यों को पूरा करेंगे।अचानक लाभ होगा, बिगड़ा काम बन जायेगा, यात्रा के भी योग हैं।
२- वृष राशि -मानसिक उलझनों मे वृद्धि होगी। आय कम खर्च ज्यादा होंगे ,विवाद हो सकता है, भय बना रहेगा तथा धन का नाश होगा।
३- मिथुन राशि – जन्मस्थ राहु मानसिक शारीरक उलझनों मे वृद्धि करेगा। कार्यो मे गतिरोध, प्रगतिशीलता का अभाव, कलह हो सकती है, हा अनुचित और गुप्त रूप से लाभ हो सकता है।
४- कर्क राशि :- अशुभ प्रभाव बढ़ेगा, आर्थिक संतुलन मे बाधा, स्वास्थ्य प्रति सावधान रहे।
सामाजिक कार्यों में प्रयासों के अनुरूप सफलता मिलेगी। साल के अंत मे भाग्य वृद्धि संभव है।
५- सिंह राशि :- राहु का गोचर शुभ प्रभाव देगा। आर्थिक पक्ष को मजबूती मिलेगी।मानसिक उलझनो मे कमी आयेगी। परिस्थितियों का लाभ, सफलता मिलेगी।
६- कन्या राशि :- राहु का गोचर दशम भाव मे होगा। अशांति होगी, क्रोध मे वृद्धि होगी। महत्वाकांक्षा बढ़ेगी। नये निवेश से लाभ होगा।पर पद प्रतिष्ठा की हानि भी संभव है।
७- तुला राशि :- तुला राशि में यह गोचर नवम भाव मे होगा, अतः पुरुषार्थ मे कमी आयेगी। भाई की हानि हो सकती है। अन्दरुनी डर सतायेगा। परन्तु गुप्त साहस से कार्य सिद्धि होगी।
८- वृश्चिक राशि :- राहु का अष्टम गोचर अशुभ प्रभावी रहेगा, स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखनी होगी। देह आघात हो सकता है अतः वाहन चालन मे सावधानी रखें नहीं तो एक्सीडेंट हो सकता है।
९- धनु राशि :- मानसिक तनाव हो सकता है। उदर विकार संभव है । पार्टनर शिप टूट सकती है। दोस्तों से मनमुटाव हो सकता है। अटूट मेहनत से लाभ की नींव मजबूत होगी।
१०- मकर राशि :- रुके कार्य मे गति आयेगी, सफलता मिलेगी।शत्रु शान्त होंगे। रोग ठीक होंगे। कोर्ट केश मे विजयी होंगे।
११- कुम्भ राशि :- व्याधियां आयेगी, निराशा हावी होगी। धनहानि भी हो सकती है। राहु योगकारक है अतः कार्यों में अचानक प्रगति प्रदान करता है।
१२- मीन राशि :- राहु का चतुर्थ भाव में भ्रमण अशुभ प्रभावी है।प्रापंचिक कार्यों में रुचि होगी। माता को परेशानी, स्थानांतरण संभव है।