
दंडनायक शनिदेव से क्षमा कैसे मांगे ?
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नाम-शनिदेव।
पिता का नाम- सूर्यदेव।
माता का नाम- छाया (सुवर्णा)।
भाई का नाम- यमराज।
बहिन का नाम-यमुना।
शनिदेव का गोत्र – कश्यप।
शनिवार अमावस्या तिथि को काली वस्तुएं, काला कपड़ा, तेल ,गुड़,उड़द,काले तिल, खट्टा,कसैले पदार्थ ले जाएं और शनि सिद्ध पीठों मे अर्पण करें।
१-शनि शिंगणापुर अहमदनगर महाराष्ट्र।
२-शनिदेव का जन्म स्थान सारंगपुर भावनगर सौराष्ट्र।
३- शनि मंदिर शनिचरा ग्वालियर।
४सिद्धशक्ति शनिधाम महरौली दिल्ली।
५- श्रीगीता मंदिर।
६-सिद्ध शनिधाम विकास नगर लुधियाना।
७-ब्रजमंडल कोकिलावन कोशीकला नियर मथुरा उ.प्र.।
८- महाकाल मंदिर उज्जैन के साथ नवग्रह मंदिर।
९- शनि मंदिर निरुनल्लर तमिलनाडु।
अपने अच्छे -बुरे कर्मो का फल(भोग) प्रसाद रुप मे ग्रहण करना चाहिए।
शनि की ढैय्या, शनि की साढ़ेसाती, शनि की महादशा एवं शनि की अंतरदशा मे होने वाले कष्टों से मुक्ति के लिए भगवान कृष्ण की अनन्य भक्ति करें।कालभैरव, हनुमानजी की भी भक्ति की जा सकती है।