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जानिए वर्ण/जाति गोत्र,प्रवर,शाखा, सूत्र-भाग 3
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जैसे सूर्य वंश से श्रावण राजा से आगे सोमवंश, और चन्द्र वंश से ययाति राजा से यदुवंश और सोमवंश के ही राजा मान्धाता की पत्नी से नागवंश चला। इसी प्रारंभ में एक ही वर्ण था फिर कर्मानुसार वर्ण भेद हुआ। जब भृगु ऋषि ने कहा ब्रह्मा जी से चार जातियाँ पैदा हुई, इस बात पर भारद्वाज ऋषि ने प्रश्न किया जब सब जाति मे वर्णशंकर रंग की मिलनता दिखती है, काम,क्रोध, लोभ,मोह,शोक,चिंता, क्षुधा, श्रम यह सभी मे एक जैसे ही है तब जाति से पहचान कैसे हो?
भृगु ऋषि ने उत्तर दिया जो ब्रह्मा से उत्पन्न हुआ है उसमें कर्म के योग से वर्ण भेद हुआ है। पूर्व कर्म और चरित्र गुण से ब्राह्मण शूद्र होते हैं और शूद्र ब्राह्मण होते भी होते हैं। सिर्फ शील और गुण से ब्राह्मण जैसे, परंतु ब्राह्मण वर्ण होके क्रियाहीन होने से शूद्र से भी नीच हो सकते हैं।
जैसे वैवस्वत मनु के पुत्रों में वारुष क्षत्रिय हो गया
दिष्ट का पुत्र नाभाग कर्मानुसार वैश्य बन गया।
पृषध्र ब्राह्मण अपने गुरु की गाय का वध करने से शूद्र हो गया।
इसी प्रकार भृगुवंशी अंगिरा ऋषि के पुत्र ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, और क्षत्रिय तथा शूद्र भी हुये।
इसी प्रकार ऋष्यश्रृंग ऋषि, कौशिक ऋषि, गौतम ऋषि, वशिष्ठ ऋषि, वेदव्यास, भरद्वाज ऋषि ,विश्वामित्र ऋषि सभी ब्राह्मण कुल मे पैदा नहीं हुए पर कर्मानुसार ब्राह्मणत्व पाया।
अतः जो ब्रह्म को जाने नित्य उसका मनन करे सो ब्राह्मण, ब्राह्मण दूसरा नहीं।
यदि कोई कहे मै ब्राह्मण हुं तो उससे उसका गोत्र,प्रवर,शाखा, अवटंक, कुलदीप, गणपति, शिव,भैरव,शम,कारण,स्थान, स्थापन करने वाला बताता है तो ब्राह्मण है।गतांक से आगे क्षत्रिय और उससे उत्पन्न जातियां:-
१-क्षत्रिय यदि क्षत्रिणी से शादी तो जाति क्षत्रिय।
२- क्षत्रिय यदि गुप्त रुप से क्षत्रिणी से संतान उत्पन्न करे तो सूत जाति।
३-क्षत्रिय यदि विधवा क्षत्रिणी से शादी शूलिक जाति।
४- क्षत्रिय यदि क्षत्रिणी से बलात्कार कर संतान उत्पन्न करे तो सत्यकाम जाति।
५- क्षत्रिय यदि ब्राह्मण जाति से विवाह कर संतान उत्पन्न करे तो सूत जाति।
६- क्षत्रिय यदि गुप्त रूप से ब्राह्मणी से शादी कर संतान उत्पन्न करे तो व्याघ जाति।
७- क्षत्रिय यदि विधवा ब्राह्मणी से संतान उत्पन्न करे तो कैवत जाति।
८- क्षत्रिय यदि ब्राह्मणी से बालात्कार कर संतान उत्पन्न तो कंबोज जाति।
९-क्षत्रिय यदि वैश्य की स्त्री से शादी कर संतान उत्पन्न करे तो राजपूत जाति।
१०- क्षत्रिय यदि वैश्य जाति की स्त्री से गुप्त रुप से संतान उत्पन्न करे तो मणिकार जाति।
११- क्षत्रिय पुरुष यदि विधवा वैश्य स्त्री से शादी कर संतान उत्पन्न करे तो आश्विक जाति।
१२- क्षत्रिय पुरुष यदि बालात्कार कर वैश्य स्त्री से संतान से उत्पन्न करे मृदु जाति।
१३- क्षत्रिय यदि शूद्र जाति की से शादी कर संतान उत्पन्न करे नाक,कान,छेदने वाले।
१४- क्षत्रिय पुरुष यदि शूद्र से गुप्त रूप से संतान उत्पन्न करे म्लेच्छ जाति।
१५- क्षत्रिय जाति का पुरुष विधवा शूद्र जाति की स्त्री से संतान उत्पन्न करे दौष्मन्त जाति।
१६- क्षत्रिय यदि शूद्र स्त्री से बालात्कार कर संतान उत्पन्न करे तो उग्र जाति उत्पन्न होती है।
शेष लगातार …………………………..।