December 31, 2018

कर्मफल (भाग 9 )

 690 total views,  2 views today

शुभ कर्मों को करने वालों की दुर्गति हो ही नहीं सकती ऐसा भी नही है। धर्मानुसार करते रहने से भी फल बहुत बुरा मिल सकता है।
(१) राजा हरिश्चंद्र को शूद्र के यहाँ नौकरी करना तथा अपने पुत्र स्त्री से वियोग आदि।
(२) मीरा को जहर पीना पड़ा, ताड़नाये शारीरिक कष्ट सहने पड़े।
(३) सूरदास जी के पास रहने के लिये साधारण सी कुटिया थी तथा भिक्षा मांग कर जीवन निर्वाह करना पड़ा।
(४) नरसी मेहता जैसे भक्त को घोर आर्थिक संकट एवं सामाजिक कष्ट उठाने पड़े।
(५) रैदासजी को जीवन यापन के लिये जूते बनाने पड़े आदि ।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *