990 total views, 5 views today

।। रत्न जिज्ञासा।।
★★★★★★★★★
प्रश्न – क्या रत्न को धातु विशेष मे पहनना आवश्यक है ?
उत्तर :- धातु जैसे सोना, चाँदी, ताँबा, इत्यादि रत्न की क्षमता को कम या अधिक कर देती है। अतः उपयुक्त धातु मे ही रत्न धारण करना चाहिए।
जैसे नीलम,गोमेद, लहसुनिया पंचधातु मे, मोती चाँदी मे , माणिक्य, पुखराज, स्वर्ण धातु मे,हीरा प्लेटिनम धातु मे पहनना चाहिए।
प्रश्न – अंगूठी और लाँकेट मे रत्न धारण मे क्या अंतर है?
उत्तर – मस्तिष्क के विशेष केन्द्र बिन्दु हमारी उंगलियों पर स्थित हैं । अतः उंगली विशेष मे धारण करने से रत्न द्वारा एकत्रित रश्मियों का प्रभाव अधिक प्राप्त होता है। उतना प्रभाव रत्न को लाकेट मे पहनने से नहीं मिलता है। यदि लाकेट मे पहनना हो तो दुगना भार का रत्न पहिने।
प्रश्न – अगर व्यक्ति अच्छा रत्न धारण करने मे सक्षम नहीं हो तो क्या वह उपाय से वंचित रह जायेगा ?
उत्तर ― जिस प्रकार कोई गरीब वयक्ति अपना डाक्टरी ईलाज नहीं करा सकता तो ,कम मूल्य का दवाइयों ले ले ,फिर परहेज, संयम द्वारा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करे। यदि रत्न धारण मे सक्षम नहीं तो दान,व्रत, मंत्र जप, द्वारा भी कष्ट निवारण हो जाता है।