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कुंडली में सप्तम भाव स्त्री सुख का , अष्टम भाव यौन सुख का ,द्वादश भाव शय्या सुख का जबकि पंचम भाव प्रेमिका सुख का होता है। आइये जानते किन योगो के तहत वयक्ति प्रेम विवाह करता है। (१) पंचमेश यदि सप्तम भाव मे हो तो स्त्री या पुरुष प्रेम विवाह करता है। (२) पंचमेश व सप्तमेश के राशि परिवर्तन के कारण वयक्ति अनिवार्यता प्रेम विवाह करता है। (३) द्वादशेश दूसरी पत्नी का प्रतिनिधित्व करता है ,अतः द्वादशेश पंचम भाव मे हो तो वयक्ति दूसरा प्रेम विवाह करता है। (४) पंचमेश, सप्तमेश जन्म कुंडली में कहीं पर भी एक साथ बैठे हो तो प्रेम विवाह ही होता है।(५) द्वादशेश, पंचमेश, और सप्तमेश के परस्पर दृष्टि, युति, राशि परिवर्तन, उच्च या स्वग्रही होने पर वयक्ति के प्रेम विवाह की संभावना बनाते हैं। यदि आप भी जानना चाहते है कि आपकी कुंडली में ये योग है कि नहीं तो आप प्रश्न बाक्श मे जाकर पूंछ सकते हैं।
Name- hema Punera, birth place – khatima, Uttarakhand.. Birth time – 9:44:15am date – 6-11-1993…. Bahut problems chal rahi h life me…. Kuch theek hoga ya nhi…. Aur shadi love marriage hogi ya arrange? Please batayein….!!!!