907 total views, 5 views today

कुण्डली मे यदि राहु , राहु के नक्षत्र मे हो क्या घटनाएं होगीं ?
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
यदि राहु राहु के नक्षत्र में हैं तो दिमाग मे परेशानियां रहतीं हैं। व्यर्थ का झगड़ा विवाद होता हैं। रिश्तेदारों से गलतफहमियां रहतीं हैं। बड़ों को एवं जीवनसाथी को भी बिमारी हो सकती हैं।कहीं-कहीं पर जहर से खतरा होता है। स्थानांतरण के प्रकरणों में ऐसी जगह स्थानांतरण होता हैं,जहां नही चाहते हो। कभी कभी आंतों में बिमारियां घेरती हैं। बेइज्जती सहन करनी पड़ती हैं। जोड़ो मे दर्द अपनी दशा में विशेष असर दिखाते हैं।कहीं आक्रामक ग्रहों से सहयोग मिलकर चोट लगवाते हैं। मुकदमेबाजी होती है। मुकदमों मे गवाह से घिरा रहता है।जब भी विवेक की बात आती है तो विवेक मे असफल हो जाते हैं। कीड़े मकोड़े आदि काट लेते हैं। जेल यात्रा हो जाती है। आत्मा हत्या का ख्याल आता है, और गोचर साथ दे तो आत्महत्या करवाते हैं। ऊपरी हवा या पिशाचग्रस्त स्थिति का सामना करना पड़ता है।आदमी अपनी हैसियत को बरकरार नहीं रख पाता है । मन मे बैचेनी सी रहती है।निर्णय लेने मे असमंजसता रहतीं है।धर्म के संबंध में थोड़ा दार्शनिकता लिए हुए मतीभ्रम की स्थिति रहती है।आदेशों के अवहेलना की स्थिति होती है। बहुत की कम अवसरों पर जब राहु अनुकूल हो तो व्यक्ति अच्छा जीवन जीता है, पदोन्नति होती है, विदेश भ्रमण होता है।
वैसे तो राहु की दशाकाल को पतनकाल कहा जाता है परन्तु इस समय छल,छदम, षडयंत्र व कूटनीति के कारक राहु को लौकिक उन्नति वाले भी कहें गये हैं। शरीर में सर्पाकार या ग्रंथिल होने के कारण आंतड़ियों, गर्भाशय संबंधी फैलोपियन ट्यूब और उंगलियों की गाठें पर राहु अधिकार हैं।
कुण्डली मे राहु जिस राशि, भाव या नक्षत्र मे होते हैं उसके स्वामी के अनुसार फल करते हैं परन्तु यदि जब राहु, राहु अर्थात स्वयं के नक्षत्र में हैं तो अपनी मे निम्नलिखित अनेक प्रकार के खराब फल करते हैं।
(१) सम्राट जार्ज षष्ठ– इनकी कुण्डली मे राहु राहु के नक्षत्र मे है जीवन मे जब शुक्र की महादशा मे राहु की अंतरदशा व राहु की प्रत्यंतर थी इन्होंने अपना साम्राज्य खोया।
(२) जोनाक साक :- इनकी कुण्डली मे भी राहु,राहु के नक्षत्र मे है शुक्र की महादशा में राहु की अंतरदशा मे स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ता गया।
(३) पं जवाहरलाल नेहरु :- आपकी कुण्डली मे राहु, राहु के नक्षत्र मे है नेहरु जी के पूर्ण जीवनकाल में जब जब राहु की दशा आई तब तब घटनाएं घटी जैसे स्कूल छोड़ना(बुध मे राहु), दूसरा स्कूल छोड़ना ( केतु मे राहु), सरकारी आदेशों की अवहेलना करना (शुक्र मे राहु), जेल जाना (शुक्र मे राहु), चीन द्वारा परास्त(राहु महादशा) एवं मृत्यु भी राहु दशा मे।
(४) अजमेर के व्यक्ति है ( DOB 06/03/1939, TOB 07:45AM) इनके जीवन मे जब शनि राहु की दशा,अंतरदशा मे सस्पेंड हो गये।
(५)एक और व्यक्ति है( DOB 20/04/1989, TOB 06:30PM )राहु चन्द्र की दशा अंतरदशा मे समस्याओं से तंग आकर आत्महत्या कर ली।
(६) एक और व्यक्ति ( DOB 26/07/1994, TOB 05:24PM) मंगल महादशा एवं राहु अंतरदशा मे जेल गया।
(७) पीटर कुर्टन जर्मनी (DOB 26/05/1883, TOB 03:30AM) राहु महादशा मे दुर्दांत हत्यारा बना।
(८) अजमेर की एक महिला (DOB 01/11/1970, TOB 19:40 ) शनि महादशा में राहु अंतरदशा मे गर्भाशय मे भयंकर खराबी आयी, अंत मे दिमाग डिस्टर्ब हो गया।
अतः जिन लोगों की कुण्डली मे राहु अपने ही अर्थात राहु के नक्षत्र मे हो तो राहु की दशाओं मे – महादशा मे, अंतरदशा मे ,एवं प्रत्यंतरदशा मे भी सावधान रहें।