
मकान का संबंध ज्योतिष में शनि ग्रह से है। अतः शनि की स्थिति से जाने मकान कब बनाना चाहिए ?
१- यदि आपकी कुण्डली मे लग्न भाव में शनि विराजमान है तो मकान बनाने से विपत्ति आती है, अतः सप्तम और दशम मे जब शुभ ग्रह गोचर न करें जब मकान बनाए।
२- कुण्डली मे द्वितीय भाव में शनि हो तो कभी भी मकान बना सकते है
३- यदि तीसरे भाव मे शनि हो तो पहले कुत्ता पाले फिर मकान बनाएं।
४- आपकी कुण्डली मे चतुर्थ भाव में शनि होने पर यदि आप मकान बनाते हैं तो ससुराल और ननिहाल के लिए अशुभ होते हैं।
५- यदि आपकी कुण्डली मे पांचवें भाव मे शनि हो मकान बनाने पर पुत्र संतति पर संकट आता है। आवश्यक होने पर ४८ वर्ष बाद मकान बनवाये, यदि पुत्र बनवाये तो बहुत ही फलीभूत होगा।
६- शनि षष्ठ भाव में हो तो ३६ वर्ष बाद मकान बनवाये पहले बनाने से कन्या पर संकट आता है।
७- आपको मकान बनाने की जरूरत नहीं है बने बनाये मकान मिलेंगे।
८- अष्टम भाव में यदि शनि है, और आप मकान बनाते हैं तो मकान बनाते ही सिर पर खतरा मंडराने लगेगा।
९- यदि कुण्डली के नवम भाव मे शनि हो तो जब आपकी स्त्री के गर्भ में बच्चा हो तो मकान बनाना आरंभ कर दें।
१०- जब तक जातक मकान खरीद न ले, बनवाये न तब बहुत उन्नति करता है, यदि शनि कमजोर हो तो मकान अधूरा रहता है।
११- एकादश भाव मे यदि आपकी कुण्डली मे शनि बैठा है ,तो ५५ वर्ष बाद मकान बनवाये।
१२- यदि बारहवें भाव में शनि बैठा है तो आपके मकान अपने आप बनते जायेंगे, बगैर आपकी ईच्छा के, शुभ भी रहेंगे।