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श्राद्ध मीमांसा (Shradh Mimamsha)

श्रद्धा से श्राद्ध शब्द बना है। श्रद्धापूर्वक किये गए कार्य को श्राद्ध कहते है। आजकल श्राद्ध कर्म के प्रति आधुनिक विचारधारा वाले लोगो की आस्था तथा विश्वास कम हुआ है किन्तु इसकी वास्तविकता तथा महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता| अतः श्राद्ध की आवसक्ता तथा महत्व को ेस्पष्ट करने का प्रयाश किया जा रहा है जिसे समझना सभी के लिए आवश्यक होगा |

महत्वपूर्ण जानकारी
1. श्राद्ध का महत्व और आवस्यकता (Importance of Shradh)
2. श्राद्ध करने की विधि (Step by step explanation of Shradh)
3. विधि विधान (Vidhi-Vidhan)
4. शरीर कहा से आता है(From where this body is came into existence).

5.शास्त्र में बातये गए ऋण(Types of Shran in our Shastra)
6. पितृदोष से परेशानिया(All about PitraDosh& much more) 

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Available 

Hindi Rs. 210 Rs150


मंथन (Manthan)

ब्रह्मा से लेकर चोदहो भुवन चराचर जगत पुनार्वृति स्वाभाव वाला है| परन्तु मोक्ष को प्राप्त होने वाला पुरुष पुनर्जन्म को प्राप्त न होकर शाश्वत धाम को प् लेता है| स्पष्ट है की ब्रह्मा और सारी सृष्टि मरण धर्म है | मानव जीवन का परम लक्ष्य है अमरतत्त्व की प्राप्ति |जो केवल परमात्मा के चिंतन से ही संभव है|

मनुस्य की जैसी िक्षा होती है ,वैसे ही उसके विचार बनते है |विचारो के आधार पैर ही उसके कर्म होते है| जेरमो के अनुशार ही vaha fal pata है|

महत्वपूर्ण जानकारी

1.आधात्मिक सुख-दुःख (Spiritual Happiness-sadness)
2. शरीर कहाँ से आता है|(How body come into existence)
3. नियत कर्म का अर्थ (Niyat kerma meaning)
4. वैज्ञानिको की सीमाएं (Limitation of scientific observation)
5. ऋषियों ने बतया की संसार में जानने योग्य क्या है |(According to ancient rishi’s what is need to be know about the world)
6.  ईश्वर निराकार है या साकार (Is God Formless or have any Form)
7. माया (About Maya all around us)
8. पाप का बीज (Seed of Bad deeds)
9. चेतना (Conciousness)
10. स्थूल और सूक्ष्मा शरीर({Shthul body vs Sukhshma body}

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Available 

Hindi Rs. 300 Rs. 250


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