542 total views, 5 views today

श्राद्ध में नमस्कार का नियम―
देवताओं को एक बार, ऋषियों को दो बार और पितरों को तीन बार नमस्कार करना चाहिए। नियमानुसार स्त्री को एक बार परन्तु माता तथा माता तुल्य सम्बन्धियों को तीन बार नमस्कार करना चाहिए।
श्रद्धाञ्जलि जल भूमि पर, लोहे अथवा काँसी के बर्तन पर नहीं छोड़नी चाहिए। अँगूठे और तर्जनी को मिलाना पितरों के आव्हान की मुद्रा है। शेष अंगुलियों से श्रद्धा पूर्वक चावल अथवा अन्न पृथ्वी पर अर्पित किया जा सकता है। यह चित्राअन्न मनुष्य न स्वयं खाए न किसी दूसरे व्यक्ति को खिलाए।