October 31, 2020

Increase Your Conciousness Level

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“मोबाइल बिना मोबाइल” ठीक वैसे ही जैसे “बेतार का तार” -→अपने अंदर की शक्ति को पहचाने कर जगा लें
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हमें जीवन मे चारों ओर अनेक विस्मयकारी बातें देखने और सुनने मिल जाती हैं । जैसे पाहुना(मेहमान) के आगमन का ज्ञान हमे नहीं होता ,किन्तु काक(कौव्वा)को हो जाता है। उसी प्रकार एक शक्ति से श्वान (कुत्ता) चोर का पता लगा लेता है।

ये कौन सी शक्ति है तो इसका नाम है अथर्वा प्राणसूत्र जिससे २०० कोस दूर रहने वाले आत्मीय के दुःख से यहां हमारा चित्त दूर रहने वाले आत्मीय के दुःख से हमारा चित्त व्याकुल हो जाता है। ये वहीं अथर्वा प्राणसूत्र है जिसकी शक्ति ज्ञान के प्रभाव से कुत्ता जमीन सूंघता हुआ चोर का पता लगा लेता है। जिस मार्ग से चोर जाता है, उस मार्ग से उसका ‘अथर्वा प्राण’ वासनारुप मे मिट्टी में संक्रांत हो जाता है और वस्त्र, नाखून, केश,लोम आदि मे प्रतिष्ठित होता है। प्राचीन काल मे सौराष्ट्र राज्य के अमरावती नाम के शहर मे रहने वाले हरिवान नाम के मनुष्य ने सरमा नाम की कुत्ती की सहायता से वृहस्पति की गायों को चुरा ले जाने वाले पणि नामक असुर का पता इसी अथर्वा प्राण सूत्र से लगाया था। ऋग्वेद मे इसी का उपयोग कृत्या प्रयोग है। अथर्ववेद मे घोर अंगिरा जिसमें औषधि वनस्पति विज्ञान है जबकि अथर्वा अंगिरा मे अभिसारी विद्याएं हैं। अर्थात हम घर बैठे उनका हालचाल जान सकते हैं और उनको प्रभावित भी कर सकते हैं।

ठीक वैसे जैसे १९०१ मे मार्कोनी ने कार्ड लैस, वायरलेस लेन,सेल्युलर फोन फोन, वायरलेस टैलीग्राफ की कल्पना की और ये पहला सेल्युलर फोन १९८३-१९८४ मे संसार को मिला।
इसी तरह अथर्वा नामक प्राणसूत्र -प्राणरूप होने से इसे स्थूल दृष्टि से हम नहीं देख सकते पर यह भी एक प्रकार की वायरलेस टेलिग्राफी हैं। आप के पास है। हमेशा से है।जैसे आइजक न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण का नियम दिया पर उसके पहले गैलीलियो ने इस बारे मे बात की तथा न्यूटन के बाद अलबर्ट आइंस्टाइन ने बाद मे केपलर ने भी आकर्षण शक्ति को नियमों मे बाँधा। पर ये आकर्षक शक्ति तो हमेशा से है और रहेगी । ५वीं सदीं मे वराहमिहिर ने इस शक्ति के बारे बताया, तथा १२वीं सदी मे भास्कराचार्य जी ने इस आकर्षक शक्ति के बारे मे अपनी पुत्री लीलावती को बताया था।

आज भी अथर्वा प्राणसूत्र शक्ति का प्रयोग भारतीय रक्षा विभाग/पुलिस खतरा को भांपने मे एवं चोरों का पता लगाने में करती हैं।
आप की चेतना भी विशेष स्तर मे सूक्ष्मभूत अर्थात तन्मात्राओं द्वारा घटनाओं का पूर्व अनुमान लगा सकती है और दूर से अपने ऊपर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को समाप्त कर सकते हैं। यह शक्ति सदैव से आपके पास है।

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