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*अपरा एकादशी*/*अचला एकादशी*
(ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी )
द्वारा → श्रीब्रह्माण्डपुराण
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अपरा एकादशी का व्रत पाप से डरने वालों को करना चाहिए –
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अपरा एकादशी शुरु ५/६/२०२१ प्रातः ०४:०७ बजे
उदयाकालीन एकादशी ६/६/२०२१ सुबह ०६:१९
सूर्योदय प्रात: ०५:११बजे
एकादशी व्रत पारायण७/६/२०२१सुबह ०८:१० तक
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*पाप*
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~ ब्रह्म हत्या करने वाला।
~ गोत्र का नाश करने वाला।
~ भ्रूण हत्या का पाप करने वाला।
~ दूसरों की निन्दा करने वाला ।
~ व्यभिचार करनेवाला।
~ झूठी गवाही देने वाला।
~ कम तौलने वाला।
~ वेद की निन्दा करनेवाला।
~मिथ्या शास्त्र का अभ्यास करनेवाला।
~बिना जाने ज्योतिष से छल करनेवाला।
~बिना जाने चिकित्सा करनेवाला।
~ जो शिष्य गुरु की निन्दा करता है।
अपरा एकादशी करने से क्या फल होगा?
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*कार्तिकपूर्णिमा* पर तीनों पुष्कर पर स्नान करने से जो फल होता है।
*मकरसंक्रान्ति* पर माघ मे प्रयाग मे स्नान करने से जो फल होता है।
*काशी* मे शिवरात्रि के उपवास से जो फल होता है।
*गया* मे पिण्ड दान करने से जो फल मिलता है।
*सिंहस्थ* गुरु होते गौतमी नदी स्नान कुंभ मे केदारनाथ दर्शन करने से जो फल मिलता है।
*बदरिकाश्रम* की तीर्थ यात्रा का जो फल मिलता है।
*कुरुक्षेत्र* मे सूर्य ग्रहण के समय जो दान देने का फल।
उपरोक्त सभी फलों के समान है अचला एकादशी का व्रत
उल्लेखित सभी महापापीयों को सदगति देता है अपरा एकादशी का व्रत।