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शकुन और भविष्य कथन :-
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हंस या कबूतर को प्रिय की चिट्ठी ले जाते सुना पढ़ा और फिल्मों में देखा है। पर कौएं को भी लोककथाओं मे प्रेमी का संदेश ले जाते हुए बताया गया है।
आनंद बख्शी के गीत में-
” उड़ जा काले कांवा तेरे, मुंह बिच खंड पांवा,
लै जा तू संदेशा मेरा, मै सदके जांवां “
इन पंक्तियों ने गाने को लोकप्रिय बना दिया।
ज्योतिष की पढ़ाई के दौरान शकुन आदि में कौएं पर जो जानकारियां मिली उनमें से कुछ की चर्चा मैं यहां कर रहा हूं।
(१) यदि कौआ निर्भय होकर पंजो, पांवों, चोंच से मनुष्य पर आक्रमण करे तो क्षत्रु पैदा हो जाते हैं।
(२) यदि कौआ रात मे उड़ता हुआ पाया जाय तो जन धन की हानि होती है।
(३) यदि कौआ ऊपर से हड्डियां, भस्म, बाल , पत्ते लेकर शैय्या के ऊपर डाल दें तो बहुत अशुभ होता है।
(४) यदि कौआ रेत, अनाज, गीली मिट्टी, फूल, फल मुंह में लाकर अपने घर लाकर छोड़ से तो समझो लाटरी लगने वाली है।
(५) उजड़े हुए पेड़ों मे बैठकर कौआ भंयकर शब्द करे तो महान विपत्ति आने वाली होती है।
आइए अब जानते हैं कि कौआ कौन कौन से शब्द बोलता है।
कांव-कांव, कें-कें, कुरु-कुरु, कअ-कअ, कट-कट, केकय, कार्कूका, केकव, कब, काला आदि शब्दों का उच्चारण करता है।
【क】 यदि आराम से कांव-कांव बोले और घर के मुंडेर पर बोले तो उस घर मे उस दिन अवश्य ही कोई मेहमान का आगमन होता है तथा धन की प्राप्ति भी संभव है।
【ख】 यदि अकारण और अचानक कांव-कांव बोलने लगे तो अशुभ होता है दुर्भिक्ष पड़ता है।
【ग】 यदि कौआ कें-कें.बोले तो उस घर मे लड़ाई-झगड़ा हो जाता है।
【घ】 यदि कौआ कट-कट बाई और या पीछे बताया ले तो कार्य में विघ्न अवश्य ही आता है।
【ड़】 यदि कौआ केकय बोले तो दिन अत्यंत शुभ और सुखद बीतता है और वर्षा भी संभव है।
【च】 यदि कौआ अचानक रात मे विचरण करें और गोल गोल घूमने लगे तो मनुष्यों का नाश होता है।
【छ】 यदि कौआ कुरु-कुरु शब्द सम्मुख और दाहिने ओर बोले तो यात्रा शुभ और फलदायी होती है।
ऐसे अनेकों अनेक काक दर्शन और शब्द के शकुन हैं जिससे भविष्य कथन संभव हैं।