
प्रकृति और पुरुष को जानना क्यों आवश्यक है ? आईऐ आज पुरुष की बात करते है उसे जानना इसलिये आवश्यक है कि जिससे मृत्यु तुम्हें व्यथित न करे, पुरुष की सोलह कलाएं उसके भिन्न भिन्न अंश है, जिन्हें हम पुरुष समझते है वे पुरुष नहीं है, पुरुष के अंग है, पुरुष वह है जिसे ये सब कलाएं मिलकर बनाती है । कलाओं को पुरुष मत समझो, ये। कलाएं जिसमे जाकर प्रतिष्ठित होती है उसे पुरुष समझो, वह पुरुष इन कलाओं से भिन्न है। मृत्यु के समय ये कलाएं मर जाती है , पुरुष नही मरता, यही अमरत्व का संदेश है ।