April 20, 2021

Astrology Predictions on Coronavirus Rise, Peak Time,Dates 2021

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क्या आप ये जानना चाहते है कि कोरोना इन्फेक्शन कब समाप्त होगा ? तो आईये ज्योतिष की नजर से समझते है
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कोरोना संक्रमण पहली लहर-
१५/२/२०२०-पीक ४/१०/२०२०-कम २१/१२/२०२०
कोरोना संक्रमण दूसरी लहर-
२६/२/२०२१-पीक २१/६/२०२१-कम १८/१०/२०२१
कोरोना संक्रमण तीसरी लहर-
२१/११/२०२१-पीक ११/३/२०२२-कम २८/४/२०२२
जब जब शनि और गुरु एक साथ एक राशि (निश्चित दूरी पर ) एक साथ वक्री हुये हैं तो भारत और विश्व मे अत्यंत महत्वपूर्ण घटनाएं घटी हैं और कई घटनाओं ने इतिहास बनाया है।
परन्तु जब जब गुरु और शनि के साथ एक और तीसरा ग्रह भी वक्री हुआ है तो रक्तपात कराया है खासतौर पर मंगल वक्री होने पर। जब भी गुरु और शनि एक ही राशि में वक्री हुए तो भयानक परिस्थितियां बनती हैं।
शनि को काल पुरुष का दःख कहा गया है या माना गया है। वर्तमान में शनि अभी मकर राशि मे है, मकर राशि – उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के अन्तिम तीन चरण और श्रवण नक्षत्र के पूरे चारो चरण एवं धनिष्ठा नक्षत्र के पहले दो चरणों से मिलकर बनी है।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी सूर्य,
श्रवण नक्षत्र का स्वामी चन्द्रमा ,
धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल है।
शनि के सूर्य ,मंगल , और चंद्र शत्रु हैं।
शनि का गुरु का संबंध सम है अर्थात न मित्र और न शत्रु।
जबकि शनि के बुध,शुक्र ,राहु केतु मित्र हैं।
मकर राशि शनि के श्रेष्ठ गुणों को प्रदर्शित नहीं करती क्योंकि मकर मकर राशि के तीनों नक्षत्र स्वामी शनि के शत्रु हैं।

पिछली साल २४/१/२०२०को शनि का ०९:५६बजे मकर राशि मे प्रवेश हुआ ,और शनि मकर मे ही २३/४/२०२२ तक रहेगा। अतः विश्व मे कोरोना का संक्रमण रहेगा।
प्रत्येक देश मे इस बीच कोरोना संक्रमण की तीन तीन लहर जरुर आयेंगी।
हमारे भारत मे यह दूसरी लहर चल रही है।
दिसम्बर २०१९ मे Covid 19 notice किया गया।
२४/१/२०२० जैसे ही शनि मकर राशि राशि में प्रवेश किया और वहां मंगल एवं केतु का साथ मिला को कोरोना संक्रमण मे वृद्धि हुई और यही युति अर्थात शनि मंगल की २४/३/२०२० को panic बन गई।
हमारी सरकार ने २२/३/२०२० को voluntary curfew लगाया , एवं २४/३/२०२० को अगले २१दिन लाकडाउन पहले फेस का घोषित कर दिया।फिर १९ दिन तथा १४-१४दिन और लाकडाउन घोषित किए।

जब शनि स्वतंत्र और गुरु से दूर था तो संक्रमण तेजी से फैला रहा था परन्तु जब वक्री होकर पास आने लगे तो अनलॉक वन १/६/२०२० को घोषित हो गया।
इस तरह वक्री समय में चार अनलॉक ३०/९/२०२० तक हो चुके थे। फिर गुरु मकर राशि छोड़कर धनु मे आ गया और शनि मार्गी होकर आगे बढने लगा और फिर स्वतंत्र होकर राहु का साथ पाकर फिर दूसरी कोरोना की लहर दी। २०/११/२०२० को गुरु पुनः धनु से मकर राशि मे प्रवेश शनि की तरफ बढ़कर करोना संक्रमण पर लगाम लगाई परन्तु २१ दिसम्बर २०२० को गुरु ने ०.१डिग्री की युति कर शनि को छोड़कर आगे निकल गया तथा २८/०१/२०२१ को लगभग ४ डिग्री आगे जाने पर कोरोना की दूसरी लहर भारत को दी है जिस कारण चारों तरफ तबाही का मंजर है। इस पर लगाम तो गुरु २०/६/२०२१को लगायेगा , पर शनि के संक्रमण धार २३/५/२०२१से धीमी हो जायेगी।
पर २१/११/२०२१ से २८/४/२०२२ तक करोना संक्रमण की तीसरी लहर भी आने की संभावना रहेगा क्योंकि इस समय फिर नहीं स्वतंत्र और गुरु राशि छोड़ आगे निकल जायेगा।
गुरु शुभत्व जाग्रत कर बुरे कर्मो से दूर करता है, जबकि शनि दंड का भय दिखाकर बुरे कर्मो से दूर करता है एवं दंडित भी करता है। कहा गया है↓
वक्री क्रूरा महाक्रूराः ,वक्रा शुभा महाशुभाः।।
जैसे ही गुरु वक्री होकर शनि के तरफ नजदीक जायेगा विश्व मे कोरोना संक्रमण से राहत मिलेगी।

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