Category: अव्यक्त से व्यक्त की उत्पत्ति

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अव्यक्त से व्यक्त की उत्पत्ति – भाग 12

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 898 total views,  2 views today सर्वभूतानि कौन्तेय प्रकृति यान्ति मामिकाम्।कल्पक्षये पुनस्तानि कल्पादौ विसृजाम्यसम।प्रकृ स्वामवष्टभ्य विसृजामि पुनः पुनः।भूतग्राममिमं कृत्स्न्मवशं प्रकृतेर्वशात्।। गीता९/७-८हे कुन्ती...

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अव्यक्त से व्यक्त की उत्पत्ति – भाग 7

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 754 total views,  2 views today एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्त्यग्निंयम मातरिश्र्वानमाहुः ।।एक ही सत रुप परमेश्वर का विद्वजन विभिन्न गुणों एवं स्वरुपों...