आठ प्रकार के कर्मो का फल प्रत्येक मनुष्य प्राणी को भोगना पड़ता है
पूर्व जन्म के अंत मे अर्थात मृत्यु के समय जो वासनाये या इच्छायें अतृप्त रहती हैं वह वासनाये अथवा इच्छायें...
पूर्व जन्म के अंत मे अर्थात मृत्यु के समय जो वासनाये या इच्छायें अतृप्त रहती हैं वह वासनाये अथवा इच्छायें...
कर्मफल -भाग 42 ^^^^^^^^^^^^^^^^^^ ब्राह्मादि तृणपिपीलिकान्त जीव सृष्टि; लता, गुल्म,गिरि,नदी आदि स्थावर सृष्टि सदा जीवों के कर्मानुसार हुआ ही करती...
योग सिद्धि से अष्ट सिद्धियां, अष्ट ऐश्वर्य और चौसठ गुणों की प्राप्ति*******************पहले आप अष्ट सिद्धियों को जान लें :-१- अणिमा...
ब्रह्मा 2**********भास्वान् यथाश्मशकलेषु निजेषु तेजः, स्वीयं कियत्प्रकटयत्यपि तद्वदत्र ।ब्रह्मा य एष जगदण्डविधानकर्ता, गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि ।।( श्री ब्रह्म-संहिता श्लोक ४९...
” कर्मफल सिद्धांत संपूर्ण ब्रह्मांड में लागू “——————————————————————-देवी भागवत पुराण ( 9/27/18-20 ) मे कहा गया है, जीव अपने शुभ...
” ज्ञान और कर्म अलग नही है “~~~~~~~~~~~~~~~~सनकादि ऋषियों ने ज्ञान का, याज्ञवल्क्य जी ने कर्म का और दत्तात्रेय जी...
जीवन का उद्देश्य – धर्म, अर्थ , काम, मोक्ष है।” मोक्ष “~~~~~~~~जीवन का सर्वोपरि उद्देश्य मोक्ष है, मोक्ष का मतलब...
ध्रुवबद्धं नक्षत्रं नक्षत्रैश्र्च ग्रहाः प्रति निबद्धाः।ग्रह बद्धं कर्मफलं शुभाशुभ सर्वजन्तूनाम ।।नक्षत्र ध्रुवों से बँधे हुये है, और नक्षत्रों के द्वारा...
” रिटर्न बैक पालिसी “ +++++++++++++++ यह बात कभी न भूलें कि हमारे रिश्ते रिटर्न बैक पालिसी की तरह होते...
1- कहीं कर्ता की प्रधानता से। 2- कहीं देश की प्रधानता से । 3- कहीं काल की प्रधानता से। 4-...