अभाव से अस्तित्व की शुरुआत
अभाव माने कुछ न होना, अर्थात कुछ भी न होना , न ब्रह्माण्ड होना न अन्य गिलेक्सी न हम आप...
अभाव माने कुछ न होना, अर्थात कुछ भी न होना , न ब्रह्माण्ड होना न अन्य गिलेक्सी न हम आप...
शास्त्र कहता है उपदेश न देने वाले आचार्य, वेद मंत्रो का उच्चारण न करने वाले ऋत्विज, कटु वचन बोलने वाली...
अनाहत शब्द की जो विशेष ध्वनि है, उस ध्वनि के अन्तर्गत जो ज्योति है, उस ज्योति के अन्तर्गत जो मन...
माता-पिता, पुत्र , पति-पत्नी , देश का शासक, गुरु ये सब कर्मफल मे भाग पाते हैं।भले ही उस कर्म के...
आजन्म हमने पाप किया, अनुचरों तथा वंश भर से पाप कराया, पाप की सीमा हम लोगों ने तोड़ दी,यदि हम...
★★★★★★★★★ यों तो संपूर्ण शब्द ब्रह्म के ही रूप हैं,परन्तु भिन्न-भिन्न शब्दों का गुण और प्रभाव भी भिन्न- भिन्न हैं,...
पाषाण ( पत्थर ) वृक्षादि ( पेड़- पौधे) सांस लेने वाले प्राणी मन वाले प्राणी इन्द्रियों की वृत्तियों से युक्त...
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ As you saw,so shall you reap जैसा बोओगे, वैसा काटोगे । ●●●●●●●●●●●●●●● You do plus—— you have plus You...
“बहुदेववाद” एक ही परिवार के दस सदस्य हैं तो सबके देवता अलग-अलग हैं। कोई हनुमानजी का भक्त है तो कोई...
“शालिग्राम शिलायां तु तैत्रोक्य सचराचर।मया सह महासेन ! लीनं तिष्ठति सर्वदा ।। ★★★★★★★★★★★★★★★★ शालिग्राम और शिवलिंग के हाथ पांव क्यों...