अव्यक्त से व्यक्त की उत्पत्ति -भाग 4
ऋग्वेद में१० वे मंडल के १२९ वे ” नासदीय सूत्र ” के २ रा सूत्र :-न मृत्युरासीदमृतं न तर्हि।न रात्र्या...
ऋग्वेद में१० वे मंडल के १२९ वे ” नासदीय सूत्र ” के २ रा सूत्र :-न मृत्युरासीदमृतं न तर्हि।न रात्र्या...
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के फल( शनि धनु राशि मे विचरण ) और आप पर प्रभाव । ######################### शनि...
आइये बिन्दु से ब्रह्माण्ड तक के सफर को निम्न चार्ट से समझते है।परात्पर महाब्रह्म अव्यक्त( Spirit) Non Existence|अव्यय [ स्पंदन...
प्रार्थना के कई स्तर है, प्रार्थना हमेशा ईश्वर को समझने/ महसूस करने का रास्ता है। प्रार्थना हमेशा ईश्वर के साक्षत्कार...
एक राशि के अन्तर्गत पृथ्वी के पचास करोड़ लोग आते हैं, सही मे सोचने वाली बात है, की कैसे भिन्न...
दीन होकर उनकी शरण मे आने से उनकी दयालुता काम करेगी। दीन वह है जो सर्वथा निराधार हो गया हो,...
मन का कोई ग्राहक नहीं तथा मन को भी वास्तव में जगत से कुछ प्रिय नहीं लगता, इसलिये एक पदार्थ...
परमात्मा – निर्गुण निराकार ब्रह्म|आत्मा – सगुण साकार ब्रह्म|जीवात्मा- संसारी मनुष्य, अज्ञान से आवृत्ततम+ मोह + महामोह +तामिस्र +अंधतामिस्र| |...
” णद अव्यक्ते शब्दे “नाद शिवात्मक है , शिव शक्ति के संक्षोभ सेनाद – बिन्दु –अक्षर ― मातृकाएँ” यदक्षरं वेदविदो...