November 3, 2021

Diwali MahaParv Importance | How To Celebrate

 106 total views,  1 views today

||| दीपावली ०४ नवम्बर २०२१ |||
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
दीपावली का त्यौहार सिर्फ त्यौहार न होकर त्योहारों की एक श्रृंखला है, क्योंकि इस महापर्व की विशेषता इसके पाँच विविध पर्वों के संगम में हैं। प्रत्येक दिन का अपना विशेष महत्व है।
दीपावली का प्रथम दिन → धन्वन्तरि त्रयोदशी ।
दीपावली का द्वितीय दिन→ नरक चतुर्दशी ।
दीपावली का तृतीय दिन→ मां लक्ष्मी जी + श्रीगणेश पू.
दीपावली का चौथा दिन→ गोवर्धन पूजा ।
दीपावली का पाँचवा दिन→ भाई दूज ।

(१) धन्वन्तरि जी ,मां लक्ष्मी जी, एवं यमदेव जी पूजन करें तथा घर के द्वार पर एक बड़ा दीया जलाएं।
(२) पुराने दीपक मे सरसों का तेल तथा ५ अन्न के दाने डालकर घर की नाली की ओर रखा जाता है, इसे यम दीपक कहते है इससे नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
(३) दीपावली का मुख्य पर्व कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि में प्रदोषकाल, स्थिर लग्न के समय श्रीगणेशजी एवं माँ लक्ष्मी जी का पूजन कर मनाया जाता है। तथा आतिशबाजी भी की जाती है।
(४) चौथे दिन गोवर्घन पूजा/ अन्नकूट पूजन किया जाता है। घर मे भगवान श्रीकृष्ण जी के प्रसाद के लिए विभिन्न प्रकार की सब्जियों को मिलाकर एक सब्जी बनाये जिसे अन्नकूट कहा जाता है, अन्नकूट के साथ पूड़ी सब्जी भी बनाई जाती है, कहीं कहीं कढ़ी और चावल भी बनाए जाते हैं। इस दिन रुद्राक्ष धारण किया जाता है।
(५) भाईदूज के दिन देवता यम अपनी बहिन यमुना के घर जाते है, यमराज ने अपनी बहिन यमुना को एक वरदान दिया था कि जो भी इस दिन यमुना मे स्नानादि करेगा वह पापों से मुक्त होकर बैकुण्ठ धाम को जायेंगे।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *