March 17, 2021

Man’s Duty Towards Woman Security: Vedic Lesson

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प्रश्न५– स्त्री की स्वतंत्रता का विरोध क्यों? क्यों कहा गया है कि-

पिता रक्षति कौमारे भर्ता रक्षति यौवने।रक्षन्ति स्थविरे पुत्रा न स्त्री स्वातन्त्र्यमहर्ति।।
उत्तर ५:- क्योंकि स्त्री की रक्षा करने से अपनी और धर्म की रक्षा होती है। यही कारण है कि दुर्बल से दुर्बल पति भी अपनी पत्नी को सुरक्षित रखने का यत्न करते हैं।
क्योंकि कुसंग और आसक्ति सूक्ष्म से सूक्ष्म क्यों न हो उससे भी स्त्रियों की रक्षा करनी चाहिए; क्योंकि रक्षित न होने पर वे पति और पिता दोनों के कुल को ही शोक मे डाल देती हैं। रक्षा कर उसके और अपने चरित्र को निष्कलंक रखता है। क्योंकि स्त्री जैसे पुरुष का सेवन करती है, वैसी ही संतान को जन्म देती है अतः प्रजा शुद्धि के लिए और वर्णशंकरता से बचाने के लिए स्त्री की यत्न पूर्वक रक्षा करनी चाहिए। कोई भी पुरुष यह कदापि न सोचे की बलपूर्वक या बल प्रयोग कर करके स्त्रियों की रक्षा मे समर्थ हो सकता है, कभी नहीं हो सकता। अतः स्त्रियों को धन संग्रह मे, और उसे धन के खर्च करने के काम मे लगावे। घर को स्वच्छ और व्यवस्थित रखने, दान-पूजन ,धर्म कार्य करने, रसोई बनाने तथा घर की देखभाल करने के काम मे नियुक्त करें।

यहां समझने वाली बात यह है कि विवाह के अवसर पर जो स्वास्तिवाचन तथा प्रजापति का यजन और कन्यादान ही स्वामित्व का कारण है।क्योंकि कन्या दे दी जाती है।स्त्री और पुरुष के लिए यह अत्यंत रहस्यमय पद्धति कल्याण के लिए है। जहां ये पद्धति नहीं है जैसे पाश्चात्य देशों में तो बात बात मे तलाक हो जाता है, जिससे विवाह की पवित्रता नष्ट हो जाती है और प्रेम का बंधन भी नहीं रहता है।

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