
धनु राशि के लोग विवाह करने की सोच रहे हैं तो रुक जाऐं क्योंकि पाश्चाताप हो सकता है !
वक्री बुध→ ३०/५/२०२१ से २३/६/२०२१ के बीच वक्री बुध का फल विभिन्न राशियों में:-
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सौरमण्डल मे सबसे लघु और चमकदार ग्रह बुध, सूर्य से बिल्कुल निकट है, जो केवल ८८ दिन में सूर्य की परिक्रमा कर लेते हैं। स्थूल मान से बुध एक राशि पर २५ दिन व एक नक्षत्र पर ८.५ दिन रहते हैं।
बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी व हास्य-विनोद के प्रतिनिधि ग्रह हैं। बुध प्रधान व्यक्ति बहुत बोलते हैं, उनके पास विविध विषयों पर बहुत सारा ज्ञान होता है इनमें से कुछ बरबादी करके खुश होने वाले हैं।
सूर्य से २७°आगे होने पर वक्री हो जाते हैं, अतः जिस राशि में वक्री होते हैं उस पर २५ दिन ही रह पाते हैं।
जब वक्री होते हैं तो पश्चिम में अस्त और पूर्व मे उदय होते हैं। वक्री होने की स्थिति में सूर्य से १२° की दूरी पर ये अस्त होते हैं। बुध एक वर्ष में ३ बार वक्री होते हैं।
वक्री ग्रह का बल उच्च होने के समान समझना चाहिये।
सूर्य सिद्धांत, सारावली, वृहदजातकंम,पाराशर होराशास्त्र,फलदीपिका, व उत्तरकालामृत आदि ग्रंथों में वक्री के बारे मे आंशिक रुप से ही प्रकाश डाला है अतः भिन्न भिन्न मान्यताएं सामने आती हैं।
यदि व्यक्ति के जन्म कुण्डली मे बक्री बुध है तो ऐसे लोग जल्दी घबरा जाते हैं और अपने जीवन मे लापरवाह रहते हैं।कल्पना अधिक करते हैं।
मेष राशि:- भाई-बहिनों के लिए बहुत परिश्रम करके सुख पहुचायेंगें परन्तु वे सभी नाराजगी ही प्रकट करेंगे। साथ ही साथ मित्र और पड़ोसी भी दोषारोपण करेंगे। घटनाओं के घटित हो जाने पर आप ज्यादा सक्रिय हो जाओगे।
वृषभ राशि:- आपके लिए शुभ है लोगों की आलोचना कम करें और आत्मचिंतन पर ज्यादा ध्यान दें। इस समय स्वविवेक और बुद्धि से धनोपार्जन करेंगे तथा आय का अधिकांश खर्च सुख सुविधाओं पर होगा।
मिथुन राशि:- प्रत्येक कार्य मे उतावलापन होगा, परिणाम पक्ष मे कम आयेंगे। एक साथ कई कार्य प्रारम्भ कर देने से सफलता का प्रतिशत कम हो जायेगा।
कर्कराशि:- बड़े बड़े शत्रुओं को दमन करने की क्षमता आ जायेगी। शुभ और धार्मिक कार्यों में धन का व्यय होगा। समाज मे वाहवाही मिलेंगे। गुप्त शत्रु लगातार आपके खिलाफ षडयंत्र करते रहेंगे।
सिंह राशि:- अप्रत्याशित लाभ संभव है। फिर भी ठोस और सटीकफल पर कम ध्यान है, जबकि चारित्रिक विशेषताओं पर ज्यादा ध्यान है। यदि आपकी कुण्डली मे बुध अशुभ है तो इस समय आपकी संगत आपके लिविंग स्टैण्डर्ड से नीचे वालों लोगो से हो जायेगी।
कन्या राशि:-व्यापार में सफलता मिलेगी और अपना व्यापार ऊँचाइयों तक ले जा सकेंगे। इस समय राजनेता और उद्योगपति बहुत ज्यादा लाभ कमायेंगे। इस सबके बावजूद पिता की तरफ से असहयोग ही रहेगा।
तुला राशि:-इस समय भाग्य साथ देगा। आप अपनी जाति और जन्मभूमि का मान बढ़ायेंगे। लेकिन यदि जन्म कुण्डली मे बुध अशुभ है तो आप लक्ष्य हीन हो जायेंगे और पागल की भाँति निर्णय लेगें।
वृश्चिक राशि:-आपकी यश,कीर्ति, और प्रतिष्ठा अक्षुण्य रहेगी। राज्य में प्रभाव भी रखेंगे। अनेक कार्य जो मेहनत से किये गए हैं वो सभी कार्य सफल होगें। पत्नी के ज्यादा वाचाल होने से परेशानी होगी। मुसीबत मे ज्यादा घबरा जायेंगे और ज्यादा गल्तियां भी कर बैठेंगे।
धनुराशि:- इस समय यदि विवाह करने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइये क्योंकि विवाह करने पर झगड़ें व उपद्रव हो सकते हैं। विवाह के तुरंत बाद पश्चाताप होगा ही। यदि व्यापार या कहीं भी साझेंदारी है तो टूट जान के योग हैं। हा यदि जन्म सयय बुध वक्री और सप्तमेश है तब आपको डरने की जरूरत नहीं है शुभ फल मिलेंगे।
मकर राशि:- आपका वातावरण और चरित्र चित्रण मे ज्यादा ध्यान है जबकि घटनाओं पर कम ध्यान है। आप अपने कार्य और व्यवहार से अकारण शत्रु पैदा कर लेगें, परन्तु अपनी बुद्धिमत्ता से परास्त तो कर देगें, परन्तु कुछ लोग आपको आसाजिक कहेंगे।
कुंभ राशि:- आपकी राशि से पंचम भाव मे वक्री बुध गोचर करेगा जिससे तीव्र कल्पनाशक्ति और रचनात्मकता बढ़ जायेगी। शादीशुदा दम्पति को कन्या संतान के योग है। बुद्धि बल से धन प्राप्ति के योग है। नये लोग जो प्रेम प्रसंग मे है उनके रिलेशनशिप टूट जायेगी। इस राशि के लोग कौटुम्बिंक जिम्मेदारी पर भी ध्यान दे।
मीन राशि – आपसे लोग ईर्ष्या ,जलन रखने लगेंगे। आपके चारों ओर का वातावरण सौहार्दपूर्ण नहीं रह पायेगा। आपको लोग स्वार्थी और अहंकारी कहेंगे क्योंकि आप अंतर्दृष्टि की भाषा समझते हैं।