April 21, 2021

Ramayana Most Important Facts List :Ram Navami Special

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मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम
||| जन्मदिन पर विशेष |||
★★★★★★◆◆★★★★★★◆◆★★★★
वाल्मीकि रामायण के अनुसार―
ततो यज्ञे समाप्ते तु ऋतुनां षट् समत्ययुः।
ततश्च द्वादशे मासे चैत्रे नावमिके तिथौ।।
नक्षत्रेअ्दितिदैवत्ये स्वोच्चसंस्थेषु पञ्चसु।
ग्रहेषु कर्कटे लग्ने वाक्पताविन्दुना सह।।
प्रोद्यमाने जगन्नाथं सर्वलोकनमस्कृतम।
कौसल्याजनयद् रामं दिव्यलक्षणसंयुतम्।।
जब यज्ञ समाप्ति के पश्चात जब छह ऋतुएं बीत गई, तब बारहवें मास में चैत्र के शुक्ल पक्ष के की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र एवं कर्क लग्न मे कौसल्या देवी ने दिव्य लक्षणों से युक्त, सर्वलोकवंदित जगदीश्वर श्रीराम को जन्म दिया।
उस समय (सूर्य, मंगल, शनि, गुरु और शुक्र) ये पांच ग्रह अपने अपने उच्च स्थान में विद्यमान थे तथा लग्न मे चन्द्रमा के साथ बृहस्पति विराजमान थे।
वायु पुराण के अनुसार भगवान राम का जन्म २४वें महायुग के त्रेतायुग में हुआ था।
चतर्विंशे युगे रामो वसिष्ठेन पुरोहिता।
सप्तमोरावणस्यार्थे यज्ञे दशरथात्मजा।।
भगवान राम का जन्म त्रेतायुग के उत्तरार्द्ध मे जब १०४१ वर्ष शेष थे माना जाता है।
२४ वें महायुग के त्रेता के → १०४१ वर्ष
२४वें महायुग का द्वापर→ ८६४००० वर्ष
२४वें महायुग का कलियुग→ ४३२०००वर्ष
२५वें,२६वें,२७वें महायुग के
कुल सौर वर्ष३×४३२००००}→१२९६०००० वर्ष
वर्तमान में २८वें महायुग का
सतयुग बीत गया → १७२८००० वर्ष
त्रेतायुग बीत गया→ १२९६००० वर्ष
द्वापरयुग बीत गया→ ८६४००० वर्ष
कलियुग बीत गया → ५१२१ वर्ष ( सन् २०२१ )
अर्थात ०१ करोड़ ८१ लाख ५० हजार एक सौ बासठ वर्ष पूर्व भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था।
०८ लाख ७० हजार वर्ष पूर्व भी त्रेता युग था। पर भगवान श्रीराम का जन्म वायु पुराण के अनुसार २४वें महायुग के त्रेतायुग के १०४१ वर्ष शेष थे तब हुआ था।
भगवान श्रीराम जी के जन्म समय जो ग्रह गोचर स्थिति थी वह १० जनवरी ,५११४ ईसापूर्व दोपहर १२:३० बजे अयोध्या के अक्षांश-रेखांश पर भी थी।

कुछ विशेष :-
(१) १२ वर्ष की आयु में भगवान राम ने धनुष तोड़ा ,और विवाह के १३ वर्ष वाद वनवास को गये।
(२) वनवास के समय भगवान श्रीराम की आयु २५वर्ष एवं सीता माता की आयु १८ वर्ष थी।
(३) ०५ जनवरी को भगवान श्रीराम ने वनगमन किया, १०-११की रात दशरथ जी का स्वर्गवास हुआ।
(४) सीता हरण नवम्बर-दिसम्बर मे हुआ।
(५) वाल्मीकि जी ने रामायण की रचना भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने के उपरांत की।
(६) ३९ वर्ष की आयु में भगवान श्रीराम अयोध्या के राजा बने।
(७) भगवान श्रीराम ने १०००वर्ष राज्य किया।मतभेद से१००००वर्ष शासन( वा.रा.७/१०२/१६)
(८) भगवान श्रीराम के राज्यारोहण के लगभग एक माह बाद की प्रमुख घटना सीता जी का वनवास है।

रामराज्य की विशेषता:-
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(१) दैहिक दैविक भौतिक तापा।
रामराज नहि काहुहि व्यापा।।
(२) अल्पमृत्यु नहि कवनिउ पीरा।
सब सुंदर सब बिरुज सरीरा।।
(३) नहि दरिद्र कोउ दुखी न दीना।
नहि कोउ अबुध न लच्छन हीना।।
(४) सब नर करहिं परस्पर प्रीती।
चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती।।

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