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निःसन्तान पुरुष का श्राद्ध कौन करें ―
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जहाँ तक श्राद्ध कर्म का सम्बंध है यदि सगे भाईयों में से एक के यहाँ भी पुत्र है तो उससे सब भाई पुत्र वाले समझे जायेंगे। इसी प्रकार यदि भाइयों मेंसे केवल एक ही विवाहित हो तो उसकी स्त्री का श्राद्ध दूसरे अविवाहित भाई कर सकते हैं। किन्तु स्त्री के बच्चों, भाईयों अथवा पिता का नहीं। यदि कोई स्त्री जिसका पति जीवित नहीं है तो उसे पितरों से मिलाने की क्रिया सपिण्डीकरण क्रिया के बाद करनी चाहिए।
वार्षिक श्राद्ध आदि में, माता के लिए श्राद्ध करते समय जब माता के लिए पिण्ड पर घी का लेप किया जा रहा हो, पिता का पिण्ड खण्डित हो तो श्राद्ध को नये सिरे से करना चाहिए। जो खाद्य पदार्थ बच जायें या जिस आचार्य ने भी पानी छिड़का हो उन्हें त्यागा न जाय बल्कि या तो खा लिये जायें या उन्हें दो वर्ष दबाकर पुनः जला दिया जाये।