अव्यक्त से व्यक्त की उत्पत्ति- भाग 36
” शुरुआत से आप तक “*******************श्री नारायण|चित्त रजोगुणी|सूक्ष्म तत्व ( नाभि से )|कमल रुप|ब्रह्मा जी|कमल,जल,आकाश, वायु,स्वयं का शरीर|१०० दिव्य वर्षों...
” शुरुआत से आप तक “*******************श्री नारायण|चित्त रजोगुणी|सूक्ष्म तत्व ( नाभि से )|कमल रुप|ब्रह्मा जी|कमल,जल,आकाश, वायु,स्वयं का शरीर|१०० दिव्य वर्षों...
अव्यक्त ही व्यक्त का कारण है, इसलिए उसकी तलाश है , कार्य – कारण के सिद्धान्त मे सृष्टि का कारण...
ईश्वर=आत्मा=पुरूषप्रकृति= शक्ति = सहजात स्वभावप्रकृति +पुरुष = माया + ब्रह्मदुर्गा + सदाशिव~~~ ब्रह्मा, विष्णु, महेशहम जानते है कि संसार की...
कला :- शक्ति रुप मे तत्वों की क्रियाएं है।कला :- ” क ब्रह्म लीयते आच्छाद्यतेंं यया, सा कला “अर्थात जिसके...
हमारे गुरुदेव^^^^^^^^^^^परम ब्रह्म परमात्मा जो है उसे हम पा सकते है, हा ब्रह्म मे पा सकते है ,ब्रह्म क्या है...
सम्पूर्ण विश्व शक्ति की कलाओं से बना है।यदि विश्व में प्रभाव छोड़ना हैं तो शक्तिमान बनना पड़ेगा। शक्ति एक ओर...
जहाँ साँस वहां आँस◆◆◆◆◆◆◆◆◆श्रुतियों मे सुनते आये कि साँसे गिनी चुनी हैं, अर्थात एक जीवन को निश्चित साँसें प्रदान की...
84 लाख योनियाँ^^^^^^^^^^^^^^^^“जरायुज– 21 लाख।”—————————||||||||||||||||||||||||||मनुष्य = 09 लाख।पशु = 04 लाख।कीड़े मकोड़े = 08 लाख।—————————————–“अण्डज ~ 21 लाख ;”**************************– नाग...
जीव :-######४ अन्तःकरण५महाभूतों५तन्मात्राओं५ज्ञानेन्द्रियों५कर्मेन्द्रियों——————–२४ तत्वों से मिलकर बना है।४अन्तःकरण मे मन,बुद्धि, चित्त, अहंकार हैं।आइये पहले मन को समझते है। आत्मन एष...
आत्मा आत्मकृपा साध्य है :-♀♀♀♀♀♀♀♀♀♀♀♀♀♀♀♀♀♀कठोपनिषद प्रथम अध्याय, द्वितीय वल्ली,२३ वा मंत्र~~~~~~~||~~~~~~~~~~||~~~~~~~~नायमात्मा प्रवचनेन लभ्योन मेधया न बहुना श्रुतेनयमेवैष वृणुते तेन लभ्यस्तस्यैष...