Tagged: कर्म के महत्व

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कर्मफल – भाग 40

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ब्रह्मा 2**********भास्वान् यथाश्मशकलेषु निजेषु तेजः, स्वीयं कियत्प्रकटयत्यपि तद्वदत्र ।ब्रह्मा य एष जगदण्डविधानकर्ता, गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि ।।( श्री ब्रह्म-संहिता श्लोक ४९...

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कर्मफल ( भाग २८ )

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” रिटर्न बैक पालिसी “ +++++++++++++++ यह बात कभी न भूलें कि हमारे रिश्ते रिटर्न बैक पालिसी की तरह होते...

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कर्मफल (भाग 3 )

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“अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतकर्म शुभाशुभं “ रामायण के अनुसार मनुष्य का कोई कर्म भले ही अज्ञानवश ही क्यों न किया हो...

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कर्मफल (भाग 4 )

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भाग्य और कर्म जब जब साथ रहेंगे तब तब विजय सुनिश्चित है । लेकिन खाली भाग्य भरोसे बैठना ठीक नहीं...

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कर्मफल (भाग 5 )

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कर्मो का वर्गीकरण (अ) प्रथम वर्गीकरण 1-कायिक माने शारीरक कर्म ,2- वाचिक कर्म माने वाणी के द्वारा किए गये कर्म,...

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कर्मफल (भाग 6)

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कर्मफल के द्वितीय वर्गीकरण मे:- (अ) संचित कर्म वे है जो पिछले दिनों मे हमने किये हैं पर उनका फल...

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कर्मफल (भाग 7 )

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कर्म अनेक फल एक जैसे:- (१) खेत मे अन्न उत्पन्न करना है तो हमें घासफूस निकालना ,बोनी, सींचना,खाद देना, रक्षा...

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कर्मफल (भाग 8 )

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कर्मो के लेखा जोखा रखने वाले भगवान श्री श्री १३८ चित्रगुप्त जी महाराज। कर्मफल प्रायः कालांतर मे ही मिलता है...

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कर्मफल ( भाग २६)

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कर्मफल ( भाग २६) ######### ” न हि मानुषात् परतरं हि कश्र्चित् “ मनुष्य से श्रेष्ठ दूसरा कोई कहीं किसी...