ज्योतीषि जानिये ―भाग 18
ज्योतीषि मे पूर्वजन्म ★★★★★★★★ ज्योतीषि त्रिकालज्ञ है इस कारण इसलिए वर्तमान जीवन के भविष्य, इस जीवन के पूर्व जीवन के...
ज्योतीषि मे पूर्वजन्म ★★★★★★★★ ज्योतीषि त्रिकालज्ञ है इस कारण इसलिए वर्तमान जीवन के भविष्य, इस जीवन के पूर्व जीवन के...
ज्योतिष मान जाग्रत जगत की एक दिव्य ज्योति का नाम ही जीवन है। ज्योति का पर्याय ज्योतिष है; अथवा ज्यौतिष...
पंचाग :-★★★★★तिथिवारं च नक्षत्रं योगः करणमेव च।यत्रैतत् पञचकं स्पष्टं पञचांग तन्निगद्यते ।।तिथि, वार,नक्षत्र,योग,करण, ये पाँचों जहाँ स्पष्ट हों, उसे पंचांग...
करण :-######तिथि के आधे भाग (१/२) को करण कहते है।कुल ११ करण होते हैं, सात चर करण, चार स्थिर करण...
योग :-^^^^^^^^अश्विनी नक्षत्र के आरम्भ से सूर्य और चन्द्र दोनों मिलकर 800 कला आगे चल चुकते है ,तब एक योग...
नक्षत्र -2^^^^^^^^पंचक नक्षत्र१- धनिष्ठा२- शतभिषा३- रेवती४-पूर्वाभाद्रपद५-उत्तराभाद्रपद~~~~~~~~~~~~~~~~~दग्ध संज्ञक नक्षत्र :-^^^^^^^^^^^^^^^^भरणी नक्षत्र हो एवं रविवार होचित्रा नक्षत्र हो एवं सोमवार होउत्तरषाढा़ नक्षत्र...
ऋतु :-^^^^^^सूर्य द्वारा 2 राशियों मे संचरण पूरा कर लेने का समय ऋतु कहलाती है। जो चैत्रमास आदि से आरम्भ...