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अव्यक्त से व्यक्त की उत्पत्ति -भाग 34
अक्षर ब्रह्माण्ड का बीज है।*******************अक्षर ही प्रत्यक्ष रूप से वेदरूपी भगवान है। चेतना का स्पंदन ही ध्वनि है जो कभी...
अक्षर ब्रह्माण्ड का बीज है।*******************अक्षर ही प्रत्यक्ष रूप से वेदरूपी भगवान है। चेतना का स्पंदन ही ध्वनि है जो कभी...
” पदार्थ बनाने की क्षमता शब्दों में होती है, न कि उनके अर्थो मे “¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢¢कमल ( ब्रह्माण्ड ) ,जल,आकाश,वायु, और...
अक्षर से यह विश्व कैसे प्रकट होता है ?~~~~~~~~~~~~~~“भूतयोन्यक्षरमित्युक्तम् ,तत्कथंभूतयोनित्वमित्युच्यते ।”अक्षर ब्रह्म भूतो ( पंच महाभूत ) की योनि है...