ज्योतिष जानिये – भाग 37
Medical Astrology( चिकित्सा ज्योतिष )*******************ग्रहणां स्थितिभेदेन पुरुषान योजयंति हि ।फलैः कर्मसमुद् भूतैरिति योगाः प्रकीर्तिताः।।पूर्व जन्म के कर्म रोग के कारण...
Medical Astrology( चिकित्सा ज्योतिष )*******************ग्रहणां स्थितिभेदेन पुरुषान योजयंति हि ।फलैः कर्मसमुद् भूतैरिति योगाः प्रकीर्तिताः।।पूर्व जन्म के कर्म रोग के कारण...
ज्योतिष मान जाग्रत जगत की एक दिव्य ज्योति का नाम ही जीवन है। ज्योति का पर्याय ज्योतिष है; अथवा ज्यौतिष...
पंचाग :-★★★★★तिथिवारं च नक्षत्रं योगः करणमेव च।यत्रैतत् पञचकं स्पष्टं पञचांग तन्निगद्यते ।।तिथि, वार,नक्षत्र,योग,करण, ये पाँचों जहाँ स्पष्ट हों, उसे पंचांग...
करण :-######तिथि के आधे भाग (१/२) को करण कहते है।कुल ११ करण होते हैं, सात चर करण, चार स्थिर करण...
योग :-^^^^^^^^अश्विनी नक्षत्र के आरम्भ से सूर्य और चन्द्र दोनों मिलकर 800 कला आगे चल चुकते है ,तब एक योग...
ऋतु :-^^^^^^सूर्य द्वारा 2 राशियों मे संचरण पूरा कर लेने का समय ऋतु कहलाती है। जो चैत्रमास आदि से आरम्भ...
पक्ष :-^^^^^^^^चन्द्रमा का सूर्य से १८० डिग्री का अंतर पक्ष कहलाता है। अतः सूर्य के पूरा चक्कर में दो पक्ष...