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अनाहत शब्द की जो

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अनाहत शब्द की जो विशेष ध्वनि है, उस ध्वनि के अन्तर्गत जो ज्योति है, उस ज्योति के अन्तर्गत जो मन...

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शब्द और संख्या

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★★★★★★★★★ यों तो संपूर्ण शब्द ब्रह्म के ही रूप हैं,परन्तु भिन्न-भिन्न शब्दों का गुण और प्रभाव भी भिन्न- भिन्न हैं,...

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“शालिग्राम शिलायां तु तैत्रोक्य सचराचर।मया सह महासेन ! लीनं तिष्ठति सर्वदा ।।

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“शालिग्राम शिलायां तु तैत्रोक्य सचराचर।मया सह महासेन ! लीनं तिष्ठति सर्वदा ।। ★★★★★★★★★★★★★★★★ शालिग्राम और शिवलिंग के हाथ पांव क्यों...

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सिर ढकना माने यशस्वी होना:-

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सिर ढकना माने यशस्वी होना:- ××××××××××××××××××××××××××××× कुछ लोग दूसरे के पास जाकर अपनी पगड़ी उतार कर रख देते हैं और...

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प्रकृति और पुरुष….

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प्रकृति और पुरुष के अन्तर्गत आज प्रकृति को जानते है, माया, योनि और प्रकृति ये तीनों प्रसव कारी शक्तियां है...