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एक शूद्र द्वारा उत्पन्न अनेक वर्णशंकर जातियां
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१-धोबी – जब शूद्र जाति का पुरुष एक ब्राह्मण जाति की स्त्री से शादी करके संतान उत्पन्न करता है।
२- तेली– जब एक शूद्र पुरुष गुप्त रूप से ब्राह्मणी स्त्री से अवैध संतान उत्पन्न करता है।
३- आयोगव – जब एक शूद्र पुरुष ब्राह्मणी स्त्री विधवा से संतान उत्पन्न करे तो आयोगव जाति।
४- चक्री :- जब एक शूद्र पुरुष एक निषाद जाति की स्त्री से संतान करे।
५- कुक्कुट जाति :- जब एक शूद्र पुरुष एक वैश्य स्त्री से गुप्त रूप से संतान करें।
६- चांडाल जाति :- जब एक शूद्र पुरुष एक ब्राह्मणी स्त्री से बालात्कार करें और जो संतान उत्पन्न हो।
७- वैदेहक जाति :- जब एक शूद्र पुरुष एक क्षत्रिणी स्त्री से विवाह कर संतान उत्पन्न करे।
८- करण जाति :- जब एक शूद्र पुरुष वैश्य जाति की स्त्री से बालात्कार करे तो उत्पन्न संतान की जाति करण होगी।
९- चमार जाति :- जब एक शूद्र पुरुष क्षत्रिणी स्त्री से गुप्त रूप से संतान उत्पन्न करे।
१०- रंगरेज जाति :- जब एक शूद्र पुरुष क्षत्रिणी विधवा से गुप्त रूप से संतान उत्पन्न करे।
११- अहीर जाति:- जब एक शूद्र पुरुष वैदेहक जाति की स्त्री से शादी कर संतान उत्पन्न करे।
१२- भील जाति :- जब एक शूद्र वैदेहक जाति की स्त्री से गुप्त और अवैध संतान उत्पन्न करे।
१३- तमोली जाति :- जब एक शूद्र पुरुष तेली जाति की स्त्री से विवाह कर संतान उत्पन्न करे।
१४- यवन जाति :- जब एक शूद्र क्षत्रिणी स्त्री से बालात्कार करें और उससे उत्पन्न संतान यवन जाति होगी।
१५- राजगीर जाति :-शूद्र चित्रकार एक वैश्या से संतान उत्पन्न करे।
१६- कूबर :-जब एक शूद्र पुरुष वैश्या जो शूद्र ही तो उससे उत्पन्न संतान कूबर जाति।
१७- नापित जाति :- जब शूद्र पुरुष किसी शूद्रा से बालात्कार करे और उत्पन्न अवैध संतान नापित।
१८- हलुवाई जाति :- जब एक शूद्र पुरुष विधवा ब्राह्मणी से अवैध संतान उत्पन्न करे।